जीवन रूपी नाव बिना किसी व्याधा के पार हो जाएगी
उन्होंने आगे कहा कि बड़े भाग मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथ न गावा सुनाते हुए कहा कि बड़ी मुश्किल से मनुष्य जीवन मिला है। इसे शराब, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, मांस आदि खाने सहित बुरे काम में बर्बाद मत करों। ऐसा करने पर अंत समय सिवाय पछतावे के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। इस जीवन को सार्थक करने ईश्वर नाम का जाप ही अच्छा है। जिसने यह किया उसके जीवन रूपी नाव बिना किसी व्याधा के पार हो जाएगी।
कभी नहीं करना किसी की बुराई
कथावाचक ने कहा कि कभी किसी की बुराई नहीं करना चाहिए। दूसरों की बुराई भी हमें पाप का भागीदार बनाती है। आज के युग में हो भी ऐसा ही रहा है। मनुष्य अपनी बजाए दूसरा क्या कर रहा है और क्या नहीं उसकी उसे ज्यादा चिंता रहती है। साथ ही वह दूसरों की बुराई भी करता है। जबकि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। कथा सुनने ग्राम सहित आसपास के गांवों से भी श्रद्धालु उपस्थित रहे।
अभिषेक, शांतिधारा की गई
आष्टा. पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के 1 वर्ष पूर्ण होने पर पंच परमेष्ठी महा विधान का आयोजन किया गया। इसमें भगवान का अभिषेक, शांतिधारा वं पूजा अर्चना भक्ति भाव के साथ की गई। जबलपुर की प्रसिद्ध गायिका प्रेरणा जैन की टीम ने संगीतमय भक्ति भाव के साथ विधान को संपन्न कराया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर महाराज के चित्र का अनावरण किया गया। इस अवसर पर समाज के संरक्षक दिलीप सेठी, विधान जैन श्रीमोड़, दीपचंद श्रीमोड़, अनूप जैन, नरेंद्र जैन, यतेंद्र जैन श्रीमोड़ आदि थे।