
फोटो- पत्रिका
MP News: मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को सीहोर दौरे पर पहुंचे। कलेक्ट्रेट में बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। यहां पर बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग अभयारण्य को निरस्त करने की मांग करने पहुंचे थे। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने वन विभाग के अफसरों पर भड़क गए और कहा कि सब गड़बड़, सड़बड़ करते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मामा तुम्हारे साथ है। मैं फॉरेस्ट डिपार्टमेंट वालों से कहता हूं कि गलती न करें। किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आदिवासियों को आश्वासन दिया कि सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मामा आपके साथ रहेंगे। मैं फिर कहता हूं कि वन विभाग वालों से कि दोबारा ऐसी गलती मत करना। जो वह कर रहे हैं वो सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ये किसी कीमत पर न करें।
आदिवासियों का कहना है कि जिले में हमारे जनजाति समाज के लगभग 200 गांव में 2 लाख जनसंख्या रहती है। समाज वन परिक्षेत्र में रहकर वन भूमि पर कृषि कार्य कर अपना जीवन यापन करता है। वन भूमि पर वर्षों से हमारा कब्जा है। कुछ किसानों को वन अधिकार पत्र बना दिए गए हैं। कई के नहीं बन पाए।
ऐसे में वन विभाग और वन विकास निगम आए दिन 25 से 30 वर्ष पुरानी कृषि भूमि पर नया अतिक्रमण बताकर कार्रवाई कर रहा है। इसलिए मांग है कि प्रस्तावित सरदार वल्लभ भाई पटेल अभयारण्य को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। आदिवासियों ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत सीहोर जिले के जितने भी वन मित्र पोर्टल पर आवेदन किए गए हैं। शीघ्र उनका निराकरण कर उनका वन अधिकार पत्र बनाया जाए। वन विभाग साक्ष्य न होने के अभाव में हमारी पुरानी कृषि भूमि को नई बताकर जो कार्रवाई कर रहा है उसे रोका जाए।
Published on:
28 Jun 2025 07:33 pm
बड़ी खबरें
View Allसीहोर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
