
Premanand Ji Maharaj
Premanad Ji Maharaj: भगवान श्रीकृष्ण की राधारानी से जुड़े तथ्यों पर दो बड़े संत और कथावाचक आमने-सामने हो गए। सीहोर के कथावाचक प्रदीप मिश्रा के प्रवचन में राधारानी प्रसंग पर रसिक संप्रदाय के संत प्रेमानंद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मिश्रा पर अज्ञानता का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें राधारानी पर कुछ बोलने का अधिकार नहीं है। मिश्रा ने बुधवार को ओंकारेश्वर में कथा के दौरान व्यास पीठ से खेद जरूर व्यक्त किया, पर तथ्यों पर टिके रहे।
प्रेमानंद महाराज ने एक 24 मिनट का वीडियो बनाकर प्रदीप मिश्रा को लताड़ लगाई है। साथ ही कहा है कि हमारे ईस्ट पर सवाल उठाने वाले को नरक में जगह मिलेगी। संत प्रेमानंद बोले, राधाजी के बारे में बोलने वाले-तुझे नरक से कोई बचा नहीं सकता है। जिससे जीविकोपार्जन हो रहा, उसी भगवान की निंदा करता है। जिसे रस ग्रंथों का ज्ञान नहीं है, उसे लाड़लीजी के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है। राधाजी के बारे में पूर्ण ज्ञान ब्रह्माजी भी नहीं प्राप्त कर सके हैं। ऐसे कथावाचक न इस लोक के लायक रह जाएंगे न परलोक लायक रह जाएंगे।
पं. प्रदीप मिश्रा ने विवाद के बाद कहा, वे राधारानी के अनन्य भक्त हैं। कथा वाचन से पहले बरसाने में राधारानी की 51 परिक्रमा की। गोवर्धन की भी कई परिक्रमा की हैं। शिवपुराणकथा से पहले राधा रानी का भजन गाते हैं। राधाजी के विवाह, जन्म आदि को लेकर जो भी बात कही है वह ब्रह्मदेवत्व पुराण, राधा रहस्य और काली पीठ की पुस्तकों से ली गई हैं।
प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान कहा, भगवान श्रीकृष्ण की 16108 रानियों में राधाजी का नाम नहीं है। राधाजी के पति का नाम श्रीकृष्ण नहीं है। उनका विवाह अनय घोष से हुआ। सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। उनका विवाह ग्राम छाता में हुआ। राधाजी बरसाने की रहने वाली नहीं थीं, रावल गांव की पैदा हुईं, बरसाने में राधाजी के पिता की कचहरी थी, वहां राधा वर्ष में एक बार जाती थीं।
Updated on:
13 Jun 2024 11:34 am
Published on:
13 Jun 2024 08:43 am
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