
सुर्खियों में घंसौर क्षेत्र की 19 पंचायतें, जांच के हुए आदेश
सिवनी. जनपद पंचायत घंसौर की पंचायतों में पहले भी कई बार आर्थिक अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं, तो कुछ में कार्रवाई हुई और कुछ आज भी सुर्खियां बने हुए हैं। ताजा मामला घंसौर जनपद क्षेत्र की १९ पंचायतों को नियम विरूद्ध कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान किए जाने को लेकर चर्चा में है। यहां के जनपद उपाध्यक्ष व ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग व जिला पंचायत सीइओ पार्थ जैसवाल को शिकायत की गई थी। इस मामले में सीइओ ने जांच के लिए तीन सदस्यीय दल का गठन कर सात दिन में प्रतिवेदन देने के आदेश दिए हैं।
शिकायतकर्ता ग्रामीणों के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा कराधन की राशि लगभग 19 ग्राम पंचायतों में 20 से 40 लाख तक खातों में जमा थी, लेकिन कई पंचायतों ने नियम अनुसार पंचायत क्षेत्र से प्राप्त कर (टैक्स) राशि जमा नहीं की थी। जिससे प्रशासन द्वारा राशि के आहरण पर रोक लगाई गई थी। इसी दौरान पंचायत चुनाव की आहट होने पर जनपद पंचायत घंसौर के अधिकारी द्वारा क्षेत्र में नियमों को ताक में रखकर राशि आहरण के आदेश पंचायतों को दिए जाने की शिकायत जिला पंचायत सीइओ से की गई है।
शिकायत में कहा गया कि नियम विरुद्ध ग्राम पंचायत बड़ौदा, गोरखपुर, अतरिया, रूपदौन, केदारपुर, मानेगांव, मेहता व अन्य ग्राम पंचायतों में से 15 ग्राम पंचायतों की करा धन की राशि का आहरण कर लिया गया। इस सम्बंध में ग्रामीणों ने लगातार अधिकारियों के संज्ञान में प्रकरण को लाते हुए बड़ी गड़बड़ी का अंदेशा जताया था, जिस पर जिला पंचायत सीइओ ने आदेेश जारी कर जांच दल बनाया है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष होगी और उससे पंचायतों में हुई गड़बडिय़ों के साथ ही इनको अंजाम देने वाले भी सामने आएंगे।
विजय तिवारी, शिकायतकर्ता, जनपद उपाध्यक्ष घंसौर का कहना है कि शिकायत कलेक्टर, जिला पंचायत को की है, दोनों ने कहा कि पंचायतों में आहरण पर रोक लगी है, इसलिए जांच करा रहे हैं। याद रहे कि पूर्व में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी का बड़ा मामला हुआ था, उसके बाद अब यह मामला सामने आया है। हर बार गड़बड़ी पर सरपंच-सचिव ही दोषी ठहराए जाते हैं, जबकि अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती है।
जांच अधिकारी रोहित जैन ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गठित दल के अन्य सदस्यों के साथ जांच की ज रही है। पंचायतों में कौन ठेकेदार है, कैसा काम कर रहा है, इस विषय में जिले के अधिकारी ही बेहतर जानकारी दे पाएंगे, हमें कुछ नहीं पता। जांच पूरी होने पर प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारी के सुपुर्द किया जाएगा। एसडीओ घंसौर राहुल रोकड़े का कहना है कि १९ पंचायतों की जांच के सम्बंध में मेरे पास कुछ जानकारी नहीं आई है। हमने किसी एक ठेकेदार को काम नहीं दिया है, हमारी कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत है। जो भी काम होते हैं पंचायतों के माध्यम से ही होते हैं, इसलिए किसको, कितना, कैसे काम मिला है यह हम नहीं कह सकते।
तीन सदस्यीय दल कर रहा जांच -
जिला पंचायत सीइओ पार्थ जैसवाल ने जांच दल का गठन कर आदेशित किया है। आदेश पत्र में कहा गया है कि जनपद पंचायत घंसौर के अंतर्गत १४वें वित्त आयोग (परफार्मेंस) वर्ष २०१७-१८ में ग्राम पंचायतों में प्राप्त राशि के कार्यों पर प्रतिबंध के बाद भी नियम विरूद्ध तकनीकी/ प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य करवाने सम्बंधी शिकायत प्राप्त हुई है। जिसकी जांच के लिए जांच दल का गठन किया गया है। जांच दल में हर्षित उइके लेखा अधिकारी जिला पंचायत सिवनी, जितेन्द्र भलावी वरिष्ठ डाटा मैनेजर जिला पंचायत, रोहित जैन सहायक यंत्री जनपद पंचायत लखनादौन को शामिल कर ७ दिवस की समय सीमा में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया है।
Published on:
09 Mar 2022 09:08 pm
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