
देखिए सिवनी से अनफिट, बिना परमिट की चल रहीं बसें
सिवनी. यात्री बस की फर्श टूटने से और गिरकर टायर के नीचे आने से दमोह जिले के नरसिंहगढ़ चौकी के पास एक पांच साल के बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे को जिसने भी सुना वह हादसे पर परिवहन विभाग और बस मालिक को भी कोसे बिना नहीं रहा। जर्जर बसों के मामले में सिवनी के भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। ‘पत्रिका‘ टीम ने इन हालात की पड़ताल की जिसमें कई खामियां नजर आईं, लेकिन उन कमियों को सुधारने के वजाय परिवहन विभाग के अधिकारी के जवाब बहुत ही चिंताजनक थे।
नेशनल हाईवे नंबर 44 पर बसे सिवनी जिले से होकर रोजाना 400 से ज्यादा यात्री बसें कई प्रांत और जिलों के अलावा जिले में ही अलग-अलग क्षेत्र लिए आती-जाती हैं। इन बसों में कई अनफिट हैं, तो कई का परमिट तक नहीं है। इसके बावजूद परिवहन विभाग के अधिकारी मुसाफिरों की जान की परवाह किए बिना स्टॉफ कम है और काम ज्यादा बताकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं। इसके पीछे लोग बस मालिकों के साथ सेटिंग होने की बात भी कह रहे हैं।
‘पत्रिका‘ टीम ने शनिवार को शहर के बस स्टैण्ड और विभिन्न मार्गों पर यात्री बसों, टैक्सी वाहनों की पड़ताल की। जिसमें पाया कि कई बसों की हालत बहुत खराब है। बसों के फर्श की चादर उधड़ी, सीटें फटी और खिड़कियां के कांच टूटे हुए हैं। ज्यादातर बसों में प्राथमिक उपचार की सुविधा (फस्र्ट एड बॉक्स) तक नहीं है। बसों में ज्यादा से ज्यादा सवारी बिठाई जा सकें, इसके लिए अतिरिक्त सीट लगाई गई हैं। इससे क्षमता से अधिक सवारी भरकर रोजाना ही बसें चल रही हैं।
रफ्तार बढ़ते ही आवाज करने लगते हैं कांच, हिलती हैं सीटें
सडक़ पर दौड़ती बसों में कई ऐसी भी नजर आईं, जिनकी रफ्तार तेज होते ही खिड़कियां की कांच धड़धड़ाते आवाज करने लगते हैं। जर्जर बस के फर्श और पूरी बॉडी में कम्पन होनेसे सीट पर बैठे लोगों में भी कम्पन होता है। बस की लगे टीन जगह-जगह से टूटे हैं, जिनके कारण लोग चोटिल भी होते हैं। लोगों की जान का जोखिम उठाकर सफर कराए जाने के सवाल पर चालक कहते हैं कि हम तो अपना काम कर रहे हैं, बस मालिक और परिवहन विभाग जैसा कहते हैं, हम वैसा ही करते हैं।
पत्रिका के सवाल पर एआरटीओ देवेश बाथम के ये थे जवाब
1. सवाल - अनफिट बसों में लोग खतरे में सफर कर रहे हैं, कार्रवाई नहीं हो रही।
जवाब - हमारे पास शिकायत आएगी तो चेक कराएंगे, फिलहाल ऐसी कोई शिकायत नहीं है।
2. सवाल -सडक़ पर रोजाना ही जर्जर बसें दौड़ रही हैं, उनकी जांच क्यों नहीं की जा रही है।
जवाब - हमारे पास स्टॉफ कम है, इसलिए जांच व कार्रवाई में समस्या आती है। इसके अलावा अभी जनसेवा अभियान का भी हमें काम मिला हुआ है। इससे विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
3. सवाल - बसों की फिटनेस, परमिट जांच अंतिम बार कब की गई थी।
जवाब - बसों की जांच किए काफी दिन हो गए हैं, तीन-चार दिन पहले हमने टैक्सी वाहनों की चेकिंग की थी।
4. सवाल - यात्री बसों में किराया सूची, फस्र्ट ऐड बॉक्स नहीं लगे हैं।
जवाब - समय-समय पर बस संचालकों को निर्देश देते हैं, फिर से उन्हें इनके लिए कहा जाएगा।
5. सवाल - दमोह जिले में जिस तरह का जर्जर बस से हादसा हुआ, ऐसा हादसा यहां न हो, इसके लिए क्या इस जिले में चल रही बसों की फिटनेस, परमिट को जांचेंगे।
जवाब - हमारे पास काम बहुत है और स्टॉफ कम है, फिर भी अधिकारियों के निर्देश के मुताबिक जितना किया जा सकता है करेंगे।
Published on:
21 May 2023 05:55 pm
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