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आसमान पर छाए बादल, किसानों की बढ़ी धड़कन, उपार्जन केन्द्रों पर खरीदी की गति धीमी

धान उपार्जन केन्द्र पर लगा धान का ढेर, परिवहन ने बढ़ाई समस्या

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आसमान पर छाए बादल, किसानों की बढ़ी धड़कन, उपार्जन केन्द्रों पर खरीदी की गति धीमी

आसमान पर छाए बादल, किसानों की बढ़ी धड़कन, उपार्जन केन्द्रों पर खरीदी की गति धीमी

सिवनी. जिले के धान उपार्जन केन्द्रों पर किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। किसानों से अधिक तौल व पैसे वसूलने की समस्या के बीच कुछ स्थानों पर कम जगह व धान का परिवहन नहीं होने से किसान अपनी उपज केन्द्र पर लाकर बेचने में असमर्थ है। धान के परिवहन की गति धीमी होने से यह समस्या उत्पन्न हो रही है। साथ ही परिवहन की धीमी गति जिला प्रशासन की पूर्व में की गई तैयारियों की पोल खोल रही है। आकड़ों पर गौर करें तो अभी ६५ हजार मीट्रिक टन से अधिक धान का परिवहन होना शेष है।
जिले में रविवार की दोपहर के बाद अचानक मौसम में बदलाव नजर आया। दोपहर बाद आसमान पर बादल छा गए। इससे किसानों की धड़कन बढ़ गई और वे चिंतित नजर आए। उनकी माने तो यदि मौसम ने करवट बदली और बारिश शुरू हुई तो जिले के अधिकांश उपार्जन केन्द्रों पर रखे धान भीगने से नहीं बच पाएंगे। कुछ स्थानों पर वेयर हाउस के बाहर धान रखे गए हैं। ऐसे में यदि वे धान भीग गए और उनको वेयर हाउस में रख दिया जाएगा तो उनके अंकुरित होकर सडऩे की संभावना बढ़ जाएगी। गौर करने वाली बात है कि जिले में बीते वर्ष खरीदा गया धान बड़ी मात्रा में सड़ गया है। इससे शासन को करोड़ों रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ा है। खास है कि सड़े हुए धान को रखने के लिए भारी भरकम किराया भी सरकार को देना पड़ रहा है। ऐसे में इस वर्ष भी उसी गलती को दोहराने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। यदि जिला प्रशासन ने परिवहन के मामले में सख्ती नहीं दिखाई तो स्थिति बिगडऩे में देर नहीं लगेगी। कुछ समितियों पर रखे गए धान की बोरियों की अभी तक सिलाई भी नहीं हुई है और ना ही उसकी स्टैगिंग की गई। समिति प्रबंधकों का कहना है कि परिवहन नहीं होने से स्थिति बिगड़ रही है। इसकी वजह से खरीदी में बाधा उत्पन्न हो रही है। इस समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया हैै।

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धान की चोरी का मामला आ चुका है सामने
उपार्जन केन्द्रों पर किसानों से अधिक तौल और परिवहन के समय धान चोरी का मामला सामने आ चुका है। बीते दिवस धान चोरी रोकने गए सहकारी समिति महासंघ के जिलाध्यक्ष की पिटाई भी आरोपियों ने कर दी। घरेलू विवाद के मामले में आरोपियों के नाक में दम कर देने वाली पुलिस इस मामले के आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई हैै। महासंघ के सदस्य कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। अल्टीमेट दे रहे हैं। इन सबके बीच जिला प्रशासन यदि धान उपार्जन में हो रही गड़बडिय़ों को गंभीरता से नहीं लेगा तो बड़ा खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।