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ड्रोन तकनीक फसल सुरक्षा, बेहतर उत्पादन में बन रही मददगार

- खेतों में नैनो यूरिया-डीएपी का ड्रोन से छिडक़ाव का किया प्रदर्शन

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ड्रोन में नैनो यूरिया-डीएपी भरते किसान, उपस्थित कृषि वैज्ञानिक।

ड्रोन में नैनो यूरिया-डीएपी भरते किसान, उपस्थित कृषि वैज्ञानिक।

सिवनी. तकनीक के इस्तेमाल से अब खेती भी आसान और कम खर्चीली हो रही है। फसलों के बेहतर उत्पादन, कीटों से सुरक्षा में अब किसान ड्रोन तकनीक की मदद ले रहे हैं, जिससे यूरिया-नैनो डीएपी का छिडक़ाव कर रहे हैं। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने कृषि विज्ञान केन्द्र सिवनी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. शेखर सिंह बघेल की उपस्थिति में सिवनी विकासखंड के कुकलाह गांव में किसानों के खेत पर ड्रोन की तकनीक से गेहंू एवं मक्के की फसल पर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिडक़ाव का तकनीकी प्रदर्शन किया गया।


कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञ इंजीनियर कुमार सोनी ने ड्रोन के छिडक़ाव करते समय रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में किसानों को जानकारी दी। बताया कि ड्रोन से छिडक़ाव मौसम की 50 प्रतिशत से अधिक आद्र्रता, 35 डिग्री से कम तापमान व आठ किमी प्रति घण्टे की हवा की गति से कम क्षेत्र स्थिति में ही छिडक़ाव किया जाना चाहिए। शासन के प्रमाणित ड्रोन चालक को क्षेत्र की समुचित जानकारी, रूकावट, पेड़, बिजली के तार आदि की जानकारी स्पष्ट रखना चाहिए व प्राथमिक उपचार की सभी व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए।


वैज्ञानिक डॉ. एनके सिंह ने किसानों को गेहूं व रबी के मक्के में आने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी देते हुए उसके उपाय के विषय में बताया। अनिल बिरला ने गेहूं व मक्के में नैनो यूरिया के उपयोग से संबंधित जानकारी से किसानों को अवगत कराया। इस अवसर पर प्रदर्शन प्रक्षेत्र में कुकलाह गांव के किसान विजय बघेल, सुनील साहू, शुभम बघेल, व अन्य किसान उपस्थित रहे।