
Bribe Case :मध्य प्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर रोज कहीं न कहीं देश-प्रदेश की छापामार टीमें रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रंगेहाथों दबोच रही हैं, बावजूद इसके ये बेखौफ रिश्वतखोर बाज आने का नाम नहीं ले रहे। ताजा मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से सामने आया है, जहां एक प्रभारी प्राचार्य को बेवफा चाय वाले की दुकान पर रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगेहाथों पकड़ा है।
आवेदक ढीलन सिंह बिसेन शासकीय माध्यमिक शाला बीजा देवरी, छपारा में प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने जबलपुर लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक को शिकायत की थी कि हर साल शाला प्रबंधन के लिए राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा शाला प्रबंधन समिति के खाते में छात्रों की दर्ज संख्या के हिसाब से लगभग 50 हजार रुपए की राशि आती है। जन शिक्षा केंद्र बीजा देवरी के अंतर्गत कुल 26 स्कूल आते हैं। इसी राशि के एवज में प्रभारी प्राचार्य जन शिक्षा केंद्र बीजा देवरी मुकेश कुमार नामदेव अपने एक साथी से शाला अनुदान की राशि के व्यय के संबंध में आरटीआई लगवाई है और अब उसका निराकरण करने और दोबारा आरटीआई न लगवाने के नाम पर 30 हजार रूपये की रिश्वत मांग रहे हैं।
लोकायुक्त ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर रिश्वत के 10 हजार रूपये देने के लिए आवेदक ढीलन सिंह को रिश्वतखोर प्रभारी प्राचार्य मुकेश कुमार नामदेव के पास भेजा। रिश्वतखोर मुकेश कुमार ने रिश्वत देने के लिए शहर बेवफा चाय वाले की दुकान पर बुलाया और जैसे ही रिश्वत के रूपये लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों पकड़ लिया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।
Updated on:
05 Apr 2025 12:59 pm
Published on:
05 Apr 2025 12:53 pm
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