सिवनी. अब तक जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के नहीं मिलने पर कई तरह के बहाने बता कर मरीजों को चलता कर दिया जाता था। लेकिन अब जिस डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी की ड्यूटी लगेगी, उसे तय समय पर अस्पताल में मौजूद रहना होगा। अनुपस्थित रहने पर उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश कलेक्टर संस्कृति जैन ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सीएमएचओ, सिविल सर्जन, सभी बीएमओ और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई बैठक में कलेक्टर जैन ने विभागीय संरचना अंतर्गत जिले के सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक एवं उपस्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति एवं स्वास्थ्य कर्मियों एवं चिकित्सकों की मौजूदा संख्या की जानकारी ली। कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ड्यूटी रोस्टर अनुरूप ड्यूटी बोर्ड लगाए जाएं। जिसमें ड्यूटी डॉक्टर एवं चिकित्सकीय स्टाफ की जानकारी लिखित में लगाने तथा उनको निर्धारित समय में उपस्थित रहने के भी निर्देश दिए। इसी तरह आरोग्य वेलनेस केंद्रों में भी खुलने के समय तथा पदस्थ कमर्चारियों के मोबाइल नम्बर चस्पा करने के लिए कहा है।
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी मामलों की ली जानकारी-
आरसीएच पोर्टल में दर्ज विकासखण्डवार एएनसी पंजीयन, जन्म पंजीयन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने शत-प्रतिशत पंजीयन कराने के निर्देश सभी बीएमओ को दिए। उन्होंने एएनसी पंजीयन के बाद समयसीमा में गर्भवती महिलाओं की जांच कराने के साथ ही शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिए निर्देशित किया। इसी तरह एनीमिया के कारण हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के मामलों की जानकारी लेकर कलेक्टर ने ऐसी महिलाओं के समय पर चिन्हित कर शीघ्र रोग उपचार उपलब्ध कराने एवं मॉनिटरिंग के निर्देश दिए।
पूछा गर्भवती महिलाओं की मौत का कारण-
डिलीवरी के लिए चिन्हित 46 केंद्रों में लक्ष्य के मुताबिक प्रगति के निर्देश दिए। अप्रैल से जून तक हुई गर्भवती महिलाओं की मृत्यु के कारणों के सम्बंध में कलेक्टर ने सम्बंधित बीएमओ एवं प्रभारी से पूछा। डॉक्टर ने गर्भवती महिलाओं की मृत्यु होने के कई कारण बताए। कलेक्टर ने चर्चा करते व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। साथ ही जिले में सभी बच्चों को समय पर जरूरी टीके लगाने के निर्देश दिए।
मलेरिया विभाग सुस्त, गति बढ़ाने के निर्देश-
जिले में बारिश के इन दिनों में मलेरिया-डेंगू के संक्रमण का खतरा अधिक होता है। ऐसे समय में भी जिला मलेरिया विभाग का सर्वे, ब्लड टेस्टिंग और फॉगिंग मशीन चलाने का काम सुस्त है। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए मलेरिया एवं डेंगू प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी लेकर ब्लड टेस्टिंग की गति बढ़ाने को कहा। इसके साथ ही स्थानीय निकाय के साथ जरूरत के मुताबिक नियॉन के भंडारण एवं चिन्हांकित क्षेत्रों में फॉगिंग की गति बढाने के निर्देश दिए हैं। टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग तथा रोग उपचार के साथ-साथ दस्तक अभियान के सम्बंध में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
Updated on:
13 Jul 2024 05:33 pm
Published on:
13 Jul 2024 05:32 pm