सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पढ़ाने के अलावा कई और काम थमा दिए जाते हैं, जिनको पूरा करने में शिक्षकों का काफी समय गुजर जाता है, ऐसे में बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है। यह स्थिति बार-बार बनती रही है, जिसको जिला व प्रदेश स्तर के अफसर भी निरीक्षण के दौरान महसूस करते रहे हैं। तो वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने भी शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्य में न लगाए जाने के सम्बंध में स्पष्ट आदेश दिए हैं। जिसके तहत अब इस स्थिति से निपटने और शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए लोक शिक्षण मप्र द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।