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Pench tiger reserve: सात दिन बाघिन ने खेली आंख मिचौली, आठवें दिन किया गया ट्रैंकुलाइज

कुछ दिन मूल्यांकन के बाद भेजा जाएगा राजस्थान

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सिवनी. राजस्थान के बाघों का नस्ल सुधारने देश के पहले इंटर स्टेट ट्रांसलोकेशन के तहत चयनित पेंच टाइगर रिजर्व की खास बाघिन की तलाश शुक्रवार को पूरी हो गई। पेंच टाइगर रिजर्व के रूखड़ क्षेत्र में सुबह एआई-सक्षम कैमरा ट्रैप सिस्टम से प्राप्त मूवमेंट इनपुट्स के आधार पर क्षेत्रीय टीमों ने संभावित स्थान पर बाघिन की तलाश शुरू की। हाथी दस्तों का उपयोग करते हुए टीमों ने बाघिन का पता लगाया और उसकी पहचान की पुष्टि की। इसके बाद बाघिन को डॉ. अखिलेश मिश्रा के नेतृत्व में एवं डॉक्टर अमित कुमार ओड की उपस्थिति में विशेषकृत पशु चिकित्सा टीम द्वारा ट्रेंकुलाइज(बेहोश) किया गया। इसके पश्चात उसे स्थापित वन्यजीव प्रोटोकॉल के तहत प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा रेडियो कॉलर पहनाया गया। कॉलर लगाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बाघिन को सावधानीपूर्वक पुन: जागृत किया गया और उसे फिर से जंगल में विचरण हेतु छोड़ दिया गया। इस प्रक्रिया के बाद बाघिन की गति, व्यवहार और समग्र स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए अगले कुछ दिनों तक उसकी गहन निगरानी की जाएगी। इन अवलोकनों के आधार पर राजस्थान में उसकी परिवहन की आगामी कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जाएगा। पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि यह मील का पत्थर अंतरराज्यीय स्थानांतरण प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे अत्यधिक वैज्ञानिक गंभीरता और अंतरराज्यीय समन्वय के साथ किया जा रहा है।