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बोर्ड का अच्छा रिजल्ट दिखाने विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़

तीन वेतन वृद्धि रोकने की चेतावनी, और हो सकते हैं ऐसे मामले

सिवनीAug 01, 2019 / 11:41 am

sunil vanderwar

seoni

बोर्ड का अच्छा रिजल्ट दिखाने विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़

सिवनी. लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त ने एक ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसमें प्राचार्य ने विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया है। यह भी सिर्फ इसलिए कि विद्यालय का बोर्ड परीक्षा रिजल्ट बेहतर दिखा सकें। हालांकि षणयंत्र के बावजूद रिजल्ट बेहतर नहीं हो सका और खुलासे के बाद सम्बंधित प्राचार्य से जबाव-तलब हो रहा है। इसकी पुष्टि डीइओ जीएस बघेल ने की है।
लोक शिक्षण आयुक्त ने जारी हुए नोटिस में कहा है कि अकादमिक सत्र २०१८-१९ में प्राचार्य दशरथलाल धुर्वे शासकीय हाइस्कूल दिघौरी में पदस्थ रहे हैं। तब इनके द्वारा विद्यालय का कक्षा १०वीं का परीक्षा परिणाम दर्ज विद्यार्थियों की संख्या के विरूद्ध २० प्रतिशत रहा है। प्राचार्य के द्वारा विद्यालय में कुल दर्ज ८४ में से ६४ विद्यार्थियों को स्वाध्यायी घोषित कर अच्छा परिणाम दिखाने की चेष्ट की गई है। परीक्षा परिणाम कम होने के कारण स्कूल शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है। शाला के परीक्षा परिणाम से यह स्पष्ट है कि प्राचार्य के द्वारा शाला का परिणाम बेहतर करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। प्राचार्य का यह कृत्य अपने उत्तरदायित्व के प्रति उदासीनता एवं गंभीर लापरवाही को जाहिर करता है, जो कदाचरण एवं अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
इसलिए मप्र सिविल सेवा नियम के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर लोक शिक्षण मप्र की आयुक्त जयश्री कियावत ने प्राचार्य धुर्वे से कहा है कि अनशासनहीनता व कदाचरण के लिए क्यों न आपकी ३ वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से तत्काल रोकी जाए ? प्राचार्य से अपना उत्तर ७ दिवस के अंदर जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करने को कहा गया है। निर्धारित समय अवधि में प्राचार्य का उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में एकतरफा कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
डीइओ को दिए ये निर्देश –
आयुक्त द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी जीएस बघेल को निर्देशित किया गया है कि सम्बंधित प्राचार्य को आदेश तामली कराकर उनके द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण की जानकारी अपने अभिमत के साथ विमर्श पोर्टल पर दिए गए मॉड्यूल पर दर्ज करने को कहा है। डीइओ ने इस सम्बंध में परीक्षा कक्ष के माध्यम से सम्बंधित को पत्र की सूचना प्रेषित कर जवाब मांगा है।
और भी हो सकते हैं ऐसे मामले –
जिला शिक्षा अधिकारी से जब इस सम्बंध में चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा कि दिघौरी के स्कूल प्राचार्य को यह नोटिस भोपाल से जारी हुआ है। जिसमें नियमित छात्रों को प्राइवेट दिखाने का मामला सामने आया है। हालांकि ऐसा कई और स्कूलों में होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। कहा कि यदि ऐसे प्रकरण संज्ञान में आएंगे तो यकीनन कार्यवाही की जाएगी।
मैंने कम उपस्थिति वाले बच्चों को किया है प्रायवेट
बोर्ड ने पहले निर्देश दिए थे कि ६५ प्रतिशत से ज्यादा की उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को नियमित रखा जाएगा। इससे कम वाले को प्रायवेट कर दिया जाएगा। मैंने ५० फीसदी से कम वाले बच्चों को प्रायवेट किया है।
– दशरथलाल धुर्वे, प्राचार्य हाइस्कूल दिघोरी

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