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अब चूल्हा-चौका अलविदा, गृहणियों के हाथों में आ गई पंचायत की कमान

रसोइघर से बाहर निकलकर दिखाई प्रतिभा और 100 से अधिक ग्राम पचायतों की बन गई सरपंच

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अब चूल्हा-चौका अलविदा, गृहणियों के हाथों में आ गई पंचायत की कमान

अब चूल्हा-चौका अलविदा, गृहणियों के हाथों में आ गई पंचायत की कमान

अखिलेश ठाकुर सिवनी. रसोइघर की मुखिया अब गांव की सरकार चलाएंगी। सुबह उठते ही चूल्हा-चौका थामने वाले हाथ गांव के विकास के नए आयाम गढ़ेंगे। घर की समस्याओं को दरकिनार कर सुबह से गांव के लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण करेंगी। ग्राम सभा की बैठक उनके नेतृत्व में बुलाई जाएगी। जिले के प्रथम चरण सिवनी व बरघाट जनपद पंचायत के करीब 100 से अधिक ग्राम पंचायतों की प्रथम नागरिक होने का गौरव महिलाओं को मिला है। इनमें से अधिकांश गृहणियां हैं, जिनके हाथों में चूल्हा-चौका के साथ अब पंचायत की भी कमान आ गई है।


जिले में प्रथम चरण का त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो चुका है। कुल 219 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुआ है। 50 प्रतिशत ग्राम पंचायत में सरपंच की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित थी। आरक्षित ग्राम पंचायतों में अधिकांश उन महिलाओं ने जीत हासिल किया है, जो घर की चौखट तक सिमित थी। उनके हाथों में रसोइघर की कमान थी। परिवार के मुखिया उनको रसोइघर की मुखिया से अधिक नहीं समझते थे, लेकिन समय ने करवट बदली और रसोइघर से निकलकर महिलाएं ग्राम पंचायत की मुखिया (सरपंच) बन गईं। सरपंच बनते ही अधिकांश के हाथ से चूल्हा-चौका छूट चुका है। अब वे ग्राम में घूमकर लोगों से मिले सहयोग के लिए उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित कर रही है। ग्राम पंचायत के विकास में उनकी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है।

सरपंच निर्वाचित होने के बाद अब वह अधिकारिक घोषणा और ग्राम सभा के गठन के निर्देश मिलने का इंतजार कर रही है। इनके नेतृत्व में ग्राम सभा की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में क्या बोलना है? गांव में विकास के लिए क्या-क्या जरूरी है? ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ कैसे मिले? इन बिंदुओं पर उनकी ओर से योजनाएं बनाई जा रही है।

बकायदा इसके लिए नवनिर्वाचित महिलाएं कागजों पर योजना बनाने के साथ परिवार के सदस्य और गांव के प्रबुद्धजनों से राय-मशवरा करने में जुट गई है। उनकी ओर से विजय जुलूस निकालकर अपनी ताकत का अहसास कराया जा रहा है। इसका मकसद यह बताना है कि उनको कमजोर न समझा जाए। वे विकास के नए आयाम गढऩे में पुरुष के मुकाबले अधिक कार्य करेंगी।


सिवनी क्षेत्र की नवनिर्वाचित महिला सरपंच
ग्राम पंचायत उड़ेपानी कविता कुंजाम, ग्राम पंचायत एरपा लक्ष्मानिया, ग्राम पंचायत कोहका लक्ष्मी मर्सकोले। ग्राम पंचायत चंदोरी निकिता, ग्राम पंचायत डूंडासिवनी रानीवती, ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर सरोज पटेल। ग्राम पंचायत बिठली शारदा चंद्रवंशी, ग्राम पंचायत बीसावाड़ी कमला, ग्राम पंचायत भोमा नवीता, ग्राम पंचायत हिनोतिया अनिता सोलंकी, ग्राम पंचायत नंदौरा संगीता सोनटके, ग्राम पंचायत सीलादेही रेखा सनोडिया आदि हैं।


बरघाट क्षेत्र की नवनिर्वाचित महिला सरपंच
ग्राम पंचायत कल्याणपुर तमेश्वरी देशमुख, ग्राम पंचायत सेला उर्मिला चौहान, ग्राम पंचायत खूंट अनीता, ग्राम पंचायत टेटमा सरस्वती विश्वकर्मा। ग्राम पंचायत पाढरपानी भावना, ग्राम पंचायत मोहगांव कामुना नागेश्वर, आदि हैं।

मजबूती से संभालूंगी की पंचायत की कमान
महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह असाधारण कदम है। गांव के विकास के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य करुंगी। घर का कार्य जिस जिम्मेदारी से किया। उसी मजबूती से ग्राम पंचायत की कमान संभालूंगी। ग्राम पंचायत को जिले में मॉडल बनाने का प्रयास करुंगी। इसकी योजना बनाना शुरू कर दी हूं।
- उर्मिला चौहान, नवनिर्वाचित सरपंच ग्राम पंचायत सेला