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Success story: भाग्य के साथ कठिन परिश्रम से यूपीएससी परीक्षा में हुआ सफल

किसान के बेटे नीलेश ने पाई सफलता, शेयर किए अनुभव

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सिवनी. यूपीएससी परीक्षा में सफलता के लिए भाग्य के साथ-साथ कठिन परिश्रम का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। सफलता के लिए एक मजबूत रणनीति, निरंतर प्रयास और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यह बातें सिवनी जिले के पोस्ट जाम के हिनोतिया गांव निवासी 27 वर्षीय नीलेश कुमार सनोडिया ने कहीं। जिन्होंने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा 2024 में 621वीं रैंक हासिल कर जिले को गौरवान्वित किया। नीलेश ने अपने सपनों को पाने के लिए कई त्याग किए हैं। परिवार से दूर रहे। रिश्तेदार एवं दोस्तों से संपर्क भी कम रहा। इसके अलावा दिन-रात केवल पढ़ाई पर ही फोकस किया। एक छोटे से गांव में कक्षा पांचवीं तक सरकारी स्कूल में अध्ययन करने के बाद उन्होंने 11वीं तक की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल से की। इसके बाद सिवनी शहर में सरस्वती शिशु मंदिर में 12वीं परीक्षा पास होने के बाद इंदौर के कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की। इसके बाद यूपीएससपी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। नीलेश कहते हैं कि उनका शुरु से ही मन था कि वे सिविल सेवा में जाएं। इसके लिए उन्होंने बचपन में ही लक्ष्य बना लिया था। वर्ष 2021 में बीटेक की पढ़ाई पूरी होने के बाद वे दिल्ली चले गए। उन्होंने वहां कोचिंग नहीं की बल्कि सेल्फ स्टडी से ही तैयारी शुरु कर दी। वर्ष 2022 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद वर्ष 2023 में इंटरव्यू तक पहुंचे। वर्ष 2024 में आखिरकार सफलता मिल गई और 621वीं रैंक हासिल कर माता-पिता को गौरवान्वित किया।

माता-पिता का हमेशा रहा सपोर्ट
नीलेश कहते हैं कि अगर आपका परिवार सपोर्ट करता है तो आप कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। नीलेश के पिता पुरुषोत्तम सनोडिया किसान हैं एवं माता आशाबाई सनोडिया गृहिणी हैं। छोटा भाई शुभम सनोडिया मेडिकल कॉलेज में हेड क्लर्क है। वह भी एपीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। नीलेश कहते हैं कि कई बार ऐसा होता है जब आर्थिक स्थिति के साथ अन्य समस्याएं आती हैं। ऐसे समय में आपको धैर्य बनाए रखना चाहिए। सफलता मिलने में देरी हो सकती है, लेकिन कठिन परिश्रम, लक्ष्य के प्रति अडिग रहने, ईमानदारी और आत्मविश्वास से एक न एक दिन आप जरूर सफल होंगे।

कोविड के समय में हुई परेशानी

नीलेश ने बताया कि वर्ष 2020 एवं 2021 में कोविड के समय में दिल्ली से घर आना पड़ा। उस समय थोड़ी परेशानी हुई। लोग भी पूछते थे कि इतने समय से मैं कर क्या रहा हूं, लेकिन आज ऐसे लोगों को शायद जवाब मिल गया होगा। नीलेश कहते हैं कि अभी आईपीएस या फिर आईआरएस का पद मिल जाएगा, लेकिन वे एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा देंगे। जिससे और अच्छी रैंक आ सके और वे आईएएस बन सकें। नीलेश कहते हैं कि हर वो बच्चा जो सपने देखता है वह अपना लक्ष्य निर्धारित करे और बस उसी पर फोकस रहे। एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।