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इलाज के नाम पर क्रूरता, अंधविश्वास में मासूम को 24 बार दागा, दर्दनाक मौत

इलाज के नाम पर अंधविश्वास में तीन माह के बच्चे की जान ले ली। दागने के बाद निमोनिया और ब्रेन इंफेक्शन इस कदर बढ़ा कि मेडिकल कॉलेज में तीन दिन तक वेटीलेटर पर रखने के बाद भी तीन माह के श्रेयांश बैगा को बचाया नहीं जा सका।

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shahdol crime news

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Crime News : मध्यप्रदेश के शहडोल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां इलाज के नाम पर अंधविश्वास ने तीन माह के बच्चे की जान ले ली। दागने के बाद निमोनिया और ब्रेन इंफेक्शन इस कदर बढ़ा कि मेडिकल कॉलेज में तीन दिन तक वेटीलेटर पर रखने के बाद भी 3 माह के मासूम को बचाया नहीं जा सका। परिवार ने पेट फूलने और सांस लेने में परेशानी पर बच्चे को 13 जनवरी को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया।

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जांच(crime news) के दौरान चिकित्सकों ने देखा की बालक के पेट पर 24 से अधिक दागने के निशान हैं। मासूम निमोनिया व दिमागी बुखार से गंभीर रूप ग्रसित है। सिंगपुरी के केशव बैगा के बेटे को 20 दिन इलाज के नाम पर दागा गया था। सुधार नहीं होने पर उसे अस्पताल लेकर गए।

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10 साल में 60 बच्चों की मौत

मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य मेघा पवार का कहना है कि, मामला संज्ञान में आया है। अधिकारियों से जानकारी मांगी है। जल्द गांव का दौरा किया जाएगा। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण सर्दियों में दागना के मामले बढ़ जाते हैं। निमोनिया में समुचित और समय पर इलाज न मिलने से हालत बिगडऩे पर परिजन दगवा देते हैं। पिछले दो साल में दागना से 10 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। 10 साल में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है।