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इलेक्शन के पहले सेटिंग, अब बैक टू पौवेलियन!

चुनाव के बाद पांच महीने के भीतर अधिकारियों का दोबारा फेरबदलचुनाव के पहले स्थानांतरित किए थे अधिकारी, अब लगातार वापसी

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Shubham Baghel

Jan 10, 2017

Year in the first seven days robbery murder police

Year in the first seven days robbery murder police involved in serious cases

शुभम सिंह बघेल@ शहडोल
चुनाव के पहले शहडोल उमरिया और अनूपपुर में ट्रांसफर के बाद पहुंचे अधिकारी कर्मचारी अब चुनाव के बाद एक के बाद एक करके बैक टू पौवेलियन हो रहे हैं। सबसे ज्यादा विभागीय सर्जरी पुलिस विभाग में हुई है। चुनाव के पांच महीने के भीतर पुलिस विभाग में एक दर्जन से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों का ट्रांसफर हुआ है। इसमें 95 फीसदी ऐसे अधिकारी कर्मचारी हैं, जिन्हे चुनाव के पहले शहडोल संसदीय क्षेत्र के लिए स्थानांतरित किया गया था और अब वापसी की जा रही है। ये हम नहीं, बल्कि कुछ ऐसी ही स्थिति पुलिस मुख्यालय से लगातार एक के बाद एक जारी होने वाली पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट बयां कर रही है। पहले पुलिस निरीक्षक स्तर पर फेरबदल किया गया। इसके बाद डीएसपी व एडिशएल एसपी और अब जल्द ही एसपी स्तर पर भी तबादले हो सकते हैं।
अब उमरिया के उपचुनाव पर गुणा- भाग
संसदीय क्षेत्र शहडोल, उमरिया अनूपपुर में लगातार पुलिस में तबादले किए जा रहे हैं, लेकिन उमरिया में अभी भी गुणा- भाग चल रहा है। ज्ञान सिंह के सांसद निर्वाचित होने के बाद दोबारा बांधवगढ़ विस में उपचुनाव होगा। इसके चलते अधिकारियों की पदस्थापना में अभी सर्जरी नहीं की गई है।
कलेक्टर एसपी डीएसपी टीआई तक जोर
फेरबदल की कतार में कलेक्टर एसपी से लेकर एएसपी, डीएसपी और टीआई शामिल हैं। चुनाव के पहले शहडोल छोड़कर अनूपपुर और उमरिया एसपी के तबादले कर दिए गए थे। इसी तरह अनूपपुर में एएसपी को भी बदला गया था। इसी तरह तीनों जिलों में कई निरीक्षकों को भेजा गया था और अब चुनाव होने के बाद दोबारा वापसी करा दी गई है।
अब कलेक्टर और कप्तानों का फेरबदल
चुनाव के बाद निचले स्तर से विभागीय सर्जरी के बाद अब जल्द ही कलेक्टर्स और कप्तानों का फेरबदल हो सकता है। शहडोल उमरिया और अनूपपपुर में कई बड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का तबादला हो सकता है। अनूपपुर जिले के कलेक्टर अजय शर्मा को तीन माह के भीतर ही चुनाव के पूर्व स्थानांतरित कर दिया गया था। अजय शर्मा की जगह पर आलोक शर्मा को कलेक्टर बनाया गया था। मामले की शिकायत चुनाव आयोग तक पहुंची। जिसके बाद दोबारा अजय शर्मा को कलेक्टर बनाया था।
शहडोल: सभी टीआई की दोबारा वापसी
चुनाव के पूर्व शहडोल में पुलिस विभाग में सर्जरी करते हुए दो डीएसपी स्थानांतरित किए गए थे। इसके साथ ही आधा दर्जन टीआई को भेजा था। चुनाव के बाद सभी टीआई की वापसी हो गई है। चुनाव के पहले डीएसपी एसएस बघेल और बीपी पांडेय को शहडोल भेजा था। इसी तरह टीआई अशोक सिंह, महेन्द्र सिंह, मंजीत सिंह, सुंदरलाल बोरासी को शहडोल भेजा था। जिसमें सभी टीआई का चार माह के भीतर दोबारा ट्रंासफर हो गया है।
अनूपपुर: 4 माह में दोबारा बदले एडिशनल एसपी
अनूपपुर में एसपी एएसपी और टीआई के तबादले चुनाव के पहले हुए थे। चुनाव के पहले एडिशनल एसपी प्रदीप शिंदे को स्थानांरित किया गया था। चुनाव के बाद चार माह के भीतर ही दोबारा एडिशनल एसपी को बदल दिया गया है। प्रदीप शिंदे की जगह अब वैष्णव शर्मा को एएसपी बनाया गया है। इसी तरह एसडीओपी अखिल वर्मा और टीआई समरजीत सिंह को भी चुनाव के पहले भेजा था, जिनका अब दोबारा ट्रंासफर कर दिया गया है।
उमरिया: विस चुनाव को लेकर गिनती के तबादले
उमरिया में चुनाव के पूर्व पुलिस विभाग में कई अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया था, लेकिन अभी गिनती के अधिकारियों का ही स्थानांतरण किया गया है। इसके पीछे मुख्य कारण बांधवगढ़ विधानसभा में उपचुनाव भी माना जा रहा है। हालांकि दो निरीक्षकों को अलग- अलग जगहों के लिए स्थानांतरित किया गया है। सूत्रों की मानें तो उपचुनाव के बाद दोबारा पुलिस विभाग में पदस्थापना में सर्जरी हो सकती है।
पत्रिका व्यू: कब तक इशारों पर पोस्टिंग का खेल!
आखिर विभागों में कब तक पोस्टिंग का खेल चलता रहेगा। चुनाव के पहले जिन अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया था, चार माह के भीतर दोबारा मुख्यालय द्वारा रवाना कर दिया गया। उधर विभाग प्रशासनिक दृष्टिकोण से फेरबदल की दलील तो दे रहा है, लेकिन चार माह के भीतर बड़े अधिकारियों का फेरबदल कई सवाल छोड़ रहा है। निर्वाचन आयोग की सख्ती के बाद तीन माह के भीतर बदले कलेक्टर अनूपपुर को दोबारा स्थानांतरित करना खुद बयां कर रहा कि किस तरह नियम ताक में रखकर स्थानांतरण किया गया था।

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