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जिंदगी और मौत के बीच आदिवासी प्रसूता, आर्थिक तंगी की वजह से नहीं जा पा रही जबलपुर

ऑपरेशन के बाद प्रसूता को इंफेक्शन, अब डॉक्टर कह रहे जबलपुर जाओ, नि:शक्त पति-पत्नी की दर्दभरी दास्तां

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Do not go to Jabalpur due to financial constraints, For treatment

जिंदगी और मौत के बीच आदिवासी प्रसूता, आर्थिक तंगी की वजह से जबलपुर नहीं जा पा रही प्रसूता

शहडोल- जिला अस्पताल के प्रसूती वार्ड में बैगा प्रसूता जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। प्रसूता की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। डॉक्टरों ने भी अब हाथ खड़े कर दिए हैं और प्रसूता को जबलपुर व रीवा ले जाने की बात कही है लेकिन कोई सहारा न होने के चलते प्रसूता जिला अस्पताल में ही है।

दरअसल मई माह में आदिवासी ब्लॉक गोहपारू के गोड़ारू गांव निवासी तेरसी बाई बैगा को परिजनों ने प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां पर ऑपरेशन के बाद प्रसूता ने एक स्वस्थ्य नवजात को जन्म दिया है। ऑपरेशन में डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसूता के पेट में संक्रमण फैल गया। धीरे - धीरे इंफेक्शन प्रसूता के पेट के अलावा पैर में भी फैल गया।

परिजन प्रसूता को प्रसव के बाद घर ले गए थे लेकिन कुछ समय बाद इंफेक्शन फैल गया। अब दोबारा मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने इलाज के लिए प्रसूता को जिला अस्पताल में भर्ती किया है, जहां प्रसूता की हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों की मानें तो प्रसूता का समय रहते इलाज नहीं हुआ तो बचाने की स्थिति में नहीं रहेगी।

परिजनों की मानें तो पहले डॉक्टरों ने ही ऑपरेशन किया था। इसके बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई है। प्रसूता के पेट में इंफेक्शन फैल गया है। हालत नाजुक है और चल फिर भी नहीं पाती है। परिजनों का कहना है कि पहले डॉक्टरों की लापरवाही से ही इन्फेक्शन फैला है और अब डॉक्टर ही जबलपुर और रीवा जाने के लिए कह रहे हैं। मामले में अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन भी बेखबर है। प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार

प्रसूता तेरसी बैगा के पिता सैखू ने बताया कि दोनों विकलांग हैं। परिवार में कमाई का जरिया नहीं है। इससे पूरा परिवार आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। उधर इंफेक्शन फैलने के बाद बाहर ले जाने की हैसियत नहीं है। प्रशासन और समाजसेवियों से मदद की दरकार है।

हम दोनों विकलांग, कैसे कराएं इलाज

प्रसूता के पति रामसाय बैगा ने कहा हम लोग विकलांग हैं। अब डॉक्टर कह रहे हैं रीवा और जबलपुर लेकर जाओ। डॉक्टरों की लापरवाही से शरीर में इंफेक्शन फैल गया था। दोबारा आशा कार्यकर्ता शहडोल
लेकर आई हैं। हमारे पास पैसे भी नहीं हैं। हम बाहर चले भी जाएंगे तो किसका सहारा मिलेेगा। पत्नी की हालत लगातार बिगड़ रही है, पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति टूट गई है।

मदद मिलेगी

कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने कहा मामले की जानकारी मेरे संज्ञान में आई है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, मदद मिलेगी।