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निर्भीक बचपन: छेड़छाड़ का जबाव नहीं है चुप्पी, मुकाबला कर आगे बढ़ो

लाडलियों को महिला पुलिस अधिकारियों ने बताए सुरक्षा के तरीके

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Shubham Baghel

Dec 19, 2016

patrika nirbheek campaign

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शहडोल। छेड़छाड़ का जबाव चुप्पी नहीं है। हमें मुकाबला कर आगे बढऩा होगा। छेड़छाड़ की घटनाओं में अगर हम चुप्पी साधकर रखेंगे तो आने वाले समय में बड़ी वारदातों का कारण बन सकते हैं। सबसे अच्छी दोस्त हमारी मां होती है। अमानवीय घटनाओं की जानकारी मां, शिक्षक, दोस्त और समाज तक पहुंचाए। जिससे अपराधी को सजा मिल सके। ये टिप्स महिला पुलिस अधिकारियों ने पत्रिका निर्भीक लाडो अभियान के तहत शहर के सेंट्रल एकेडमी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को दी। कार्यक्रम में निर्भीक लाडो पर आधारित पॉवर प्वाइंट का प्रजेंटेशन करते हुए छात्राओं अमानवीय हरकतों के बारे में पुलिस अधिकारियों द्वारा समझाया गया। कार्यक्रम में रक्षित निरीक्षक सत्यप्रकाश मिश्रा ने कहा कि हमारी लाडलिया कई नियम कानून से अंजान हैं। इसी वजह से आज पत्रिका परिवार को निर्भीक अभियान चलाना पड़ रहा है। हमें घर समाज और शहर में हो रही हर गतिविधियों के खिलाफ जागरुक होकर आवाज उठानी होगी।

एसआई सुभाष दुबे ने लाडलियों का करियर मार्गदर्शक करते हुए महिला उत्पीडन के खिलाफ शासन ने कई सख्त नियम कानून बनाएं हैं। अपराधी को समय पर सजा मिल सकती है, लेकिन इसके लिए पीडि़त को खुद जागरुक होना होगा। कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों सहित स्कूल के शिक्षक शिक्षकाएं और दो सौ से अधिक छात्राएं एवं छात्र मौजूद रहें।

चुप्पी तोड़कर देना तमाचा
कार्यक्रम में एसआई दिप्ती मरावी ने छात्राओं को कहा कि हमें छेड़छाड़ की घटनाओं को सहन नहीं करना है। हमें चुप्पी तोड़कर समझाइश देनी होगी। इसके बाद भी सुधार नहीं आता है तो एक तमाचा देना होगा। इसी तरह एसआई रजनी नागभीरे ने कहा कि कई मर्तबा अपराधियों को इसी वजह से सजा नहीं मिल पाती है, क्योंकि हमारी लाडलियां सामने नहीं आती हैं। बचपन से ही लाडलियों को इग्नोर करना सिखाया जाता था, लेकिन अब यह स्थिति नहीं है। कानून और पुलिस हर वक्त आपके साथ है।

लाडलियों ने पूछा: कैसे करेंगे शिकायत
निर्भीक अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में लाडलियों ने भी पुलिस अधिकारियों से सवाल पूछा। इस दौरान किसी ने पूछा कि थाना में शिकायत कैसी होगी तो किसी ने पूछा कि छेड़छाड़ की घटना पर किसे जानकारी देनी होगी। कई लाडलियों ने गोपनियता के संबंध में भी अधिकारियों से पूछा।

पत्रिका की पहल सराहनीय
स्कूल के प्राचार्य संजय मिश्रा ने कहा कि पत्रिका की पहल काफी सराहनीय है। निर्भीक अभियान से छात्राओं के भीतर डर खत्म होगा। सरकार को भी समय समय पर ऐसे आयोजन स्कूलों में कराने चाहिए।

डर खत्म कर होना होगा जागरुक
पुलिस लाइन रक्षित निरीक्षक सत्यप्रकाश मिश्रा ने कहा कि जागरुकता की दिशा में पत्रिका ने काफी अच्छा मंच दिया है। वारदातों में लाडलियों को डर खत्म कर मुकाबला के लिए सामने आना होगा।

अभियान खत्म करेगा डर
कोतवाली एसआई सुभाष दुबे ने कहा कि अभियान निश्चित ही लाडलियों के भीतर से डर को खत्म करेगा। पत्रिका की पहल काफी सराहनीय है। लाडलियों को आसामाजिक तत्वों के खिलाफ आवाज उठाना होगा।

मुंह तोड़ जबाव देना
एसआई दिप्ती मरावी ने कहा कि छेड़छाड़ की घटनाओं को हमें इग्नोर नहीं करना है। पहले तो हमें समझाइश देना है। इसके बाद भी सुधार नहीं आता है तो मुंह तोड़ जबाव देना। पुलिस हर वक्त आपके साथ है।

शांत रहने से से अपराध को बढ़ावा
एसआई रजनी नागभीरे ने कहा कि चुप्पी से अपराध को बढा़वा मिलता है। हमें कभी शांत नहीं रहना है। हर क्षेत्र में लाडलियां आगे हैं। परिवार समाज में कोई भी गतिविधियां दिखे तो पुलिस तक जरुर पहुंचाएं।


पता ही नहीं था खुद का अधिकार
स्कूल की छात्रा प्रियांशी तिवारी ने कहा कि मुझे खुद के अधिकार पहले पता ही नहीं थे। पत्रिका के इस आयोजन से हमारे बीच डर को खत्म करते हुए बताया है कि पुलिस उत्पीडऩ को लेकर कितनी सचेत है।

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