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इस ऐतिहासिक स्थल पर हर साल काफी तादाद में लोग होते हैं इकट्ठे

पढि़ए महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष

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Every year at this historic site there are a lot of people gathered

शहडोल (रमाशंकर मिश्रा)- आज महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि है। जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर जनपद पंचायत बुढ़ार की ग्राम पंचायत साबो स्थित रूंगटा कॉलरी में एक ऐसा ऐतिहासिक स्थल है, जो कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादों को संजोए हुए है। यहां हर साल सैकड़ों की तादाद में लोग एकत्रित होते हैं और बापू को श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद करते हैं, उनके आदर्शो पर चर्चा करते हैं।

गांधी जी की मृत्यु के बाद उनकी अस्थियों को अलग-अलग नदियों में विसर्जित करने के लिये भेजा गया था। जिसमें से अस्थियों की तीन पोटलियां अमरकंटक भी लाई गई थी। इनमें से एक पोटली रूंगटा कॉलरी के मालिक स्व. महावीर रूंगटा जो कि उस दौर के प्रदेश में उद्योगपतियों के प्रमुख माने जाते थे, उनके द्वारा प्रयास करके यहां लाया गया था। इस पोटली को रूंगटा कॉलोनी स्थित नरगड़ा नदी में विसर्जित किया गया। यहीं पर गांधी जी की समाधि स्थल भी बनाई गई है।

यहां हर साल बापू की पुण्यतिथि ३० जनवरी के दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। वहां कुछ देर के लिए रुकते हैं। गांधी जी को याद करते हैं उनके आदशों पर चर्चा करते हैं। धीरे-धीरे अब ये स्थान गांधी जी के मानने वालों के लिए श्रद्धा का बहुत बड़ा केन्द्र बन गया है।

1980 से शुरू हुआ मेला
रूंगटा कॉलोनी स्थित नरगड़ा नदी के किनारे बने गांधी समाधि स्थल पर पहले तो इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचते थे। इसी दौरान वर्ष 1980 में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता स्व. राम विलास राय ने इसमें रुचि ली और ३० जनवरी को मेले का आयोजन शुरू किया। जिनका ये प्रयास रंग लाया और धीरे-धीरे यह ऐतिहासिक स्थल लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो गया। हालांकि वर्ष १९९७ में श्री राय का भी निधन हो गया। जिसके बाद अब उनके पुत्र कामाख्या नारायण राय यहां की पूरी व्यवस्था व इस समाधि स्थल की देखरेख की जिम्मेदारी संभालते हैं।