
शहडोल। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पूर्व कुलपति प्रो. सुरेश्वर शर्मा ने पिता की इच्छा पूरी करने के उद्देश्य से १३ एकड़ पैतृक जमीन दान कर दी है। यह जमीन श्री शर्मा ने वनवासी शिक्षा सेवा न्यास को दान की है। जिसकी पूरी प्रक्रिया उन्होंने मंगलवार को पत्नी मधु शर्मा की उपस्थिति में पूरी कराई। जमीन दान करने की कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्होंने पांडव नगर शहडोल स्थित सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके पिता स्व. तारकेश्वर शर्मा आयुर्वेदाचार्य थे। उनकी इच्छा थी कि वनवासियों की गरीबी दूर करने, उन्हें शिक्षित करने और उनके अंदर निहित कलाओं को जीवंत करने के लिये उनका सहयोग किया जाअ। इस संबंध में बलबहरा ग्राम में पैतृक भूमि वनवासियों के कल्याण हेतु पिता की इच्छानुसार मधुवन प्रोजेक्ट विकास हेतु सभी परिवार जनों के सहमति से उन्होंने 13 एकड़ जमीन वनांचल शिक्षा सेवा न्यास को समर्पित कर दी।
ये है योजना
श्री शर्मा ने बताया कि उक्त भूमि में शिक्षा केन्द्र के साथ ही वनवासियों के स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में संस्कारों का बड़ा महत्व है। हमें सभी संस्कारों को जीवंत बनाना चाहिए। समाज में सकारात्मक जनसंख्या का विकास हो, नकारात्मक जनसंख्या के विकास को रोकना चाहिए। इस पर चर्चा करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कई बार भ्रमण कर ज्योर्तिविज्ञान के विकास पर चर्चाएं कीं।
शिक्षा के क्षेत्र में होगा उपयोग
संस्था के व्यवस्थापक कमल प्रताप सिंह ने उक्त भूमि का शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग करने की बात कही। जिससे वनवासी क्षेत्रों में चल रहे एकल विद्यालयों की नींव मजबूत की जाएगी। पत्रकारवार्ता के दौरान विद्या भारती के जिला सचिव रवि रजक के साथ ही संस्था के प्रभारी प्रचार्य रामरतन सिंह, अनिल द्विवेदी, दिलीप गोडबोले, अशोक कुशवाहा, शिव कुमार शर्मा, प्रेम सिंह एवं समस्त आचार्य परिवार उपस्थित रहे।
Updated on:
30 Jan 2018 08:34 pm
Published on:
30 Jan 2018 08:32 pm
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