आसुतोष का कहना है कि युवा पीढी संघर्ष से हार रही है। छोटी निराशा हाथ लगने पर पीछे हो जाते हैं। आसुतोष का कहना है कि पीएससी की कोचिंग के लिए पहले दिन पहुंचा था तो भारत के पहले राष्ट्रपति का नाम भी नहीं पता था। क्लास में काफी हंसी हुई, लेकिन निराश नहीं हुआ। परीक्षा की तैयारी के दौरान बीमारी से भी ग्रसित हो गए। गले में गांठ के चलते काफी दिनों तक बीमार रहे, लेकिन असफलता को भी मात दे दी।