
जिले में109 प्राइमरी स्कूल और 16 मिडिल स्कूल जर्जर
शहडोल- पीएम मोदी द्वारा 2016 से चलाई गई प्रधानमंत्री आवास योजना अब तक नगर में फिसड्डी साबित हो रही है, आवास की प्रक्रिया और निर्माण की गति धीमी होने के कारण जरूरत मंद लोगों और हितग्राहियों को इसका फायदा समय रहते 2022 तक कैसे मिलेगा इसको लेकर अब सवाल किए जा रहे हैं।
अचरज की बात तो ये है कि नपा द्वारा नई परिषद के गठन के बाद एक भी हितग्राही को पीएम आवास के लिए राशि जारी नहीं की गई, जबकि शासन द्वारा 1119 हितग्राहियों के लिए पीएम आवास स्वीकृत किए गए, लेकिन उनमें से महज 574 हितग्राहियों का ही चयन किया गया शेष हितग्राहियों का चयन अब तक नपा द्वारा नहीं किया जा सका है।
वहीं 216 और 2017 के बीच प्रथम चरण में नगर के 39 वार्डों में 386 हिग्राहियों के आवास स्वीकृत किए गए और द्वितीय चरण में 567 हितग्राहियों के लिए आवास स्वीकृत किए गए। यह आंकडे नपा की पुरानी परिषद के दौरान के बताए गए हैं।
कई पीएम हितग्राहियों के पीएम आवास अटके
नगरपालिका द्वारा जिस तरह के आंकड़े दिए जा रहे हैं वो चौकने के साथ ही सही आंकडे नहीं माने जा सकते, पीएम आवास में हीला हवाली का खामियाजा तो नगर के तरूरतमंदों को ही भुगतना होगा,वजह यह है कि 2022 तक चलने वाली योजना में अब तक जून 2018 तक महज 11 आवास ही पूर्ण रूप से बनाए गए हैं।
मजे की बात तो यह है कि प्रथम डीपीआर के तहत 386 में से 352 हिग्राहियों को राशि आवंटित की गई, शेष 34 हितग्राही भूमिहीन और किराएदार होने के कारण राशि आवंटित नहीं की गई, जबकि पीएम आवास में भूमिहीन को भी आवास दिए जाने का प्रावधान किया गया है, लेकिन नगरपालिका उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दे रही जिससे लोग परेशान हैं।
वहीं नपा द्वारा द्वितीय डीपीआर के तहत चयनित 567 में 440 हितग्राहियों को राशि आवंटित की है शेष 127 हितग्राहियों को भूमिहीन और किराएदार मानते हुए राशि आवंटित नहीं की है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि नई परिषद के गठन के बाद तृतीय डीपीआर के तहत 1116 हितग्राहियों में से 339 हितग्राहियों का चयन किया गया और सूची अनुमोदन के लिए कलेक्टर कार्यालय भेजी गई और शेष 777 हितग्राहियों के आवास का मामला अब तक अटका हुआ है। इन हितग्राहियों का चयन ही अब तक नहीं किया जा सका है, इस तरह अगर इसी गति से पीएम आवास निर्माण की गति रही तो पीएम मोदी और नगर के हितग्राहियों का सपना कैसे साकार होगा इसको लेकर लोगों द्वारा सवाल किए जा रहे हैं।
कराया जा रहा रिकॉर्ड का परीक्षण
शहडोल नगरपालिका के सीएमओ एके तिवारी के मुताबिक नगर के हितग्राहियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय किस्त जारी की गई है। दस्तावेजों की छानबीन में समय लगने के कारण लेटलतीफी हुई है, जल्द ही नगर के चयनित हितग्राहियों के आवासों का निर्माण कराया जाएगा।
Published on:
25 Jun 2018 12:34 pm
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