
शहडोल पहुंचा टिड्डी दल, देवरी गांव में दी दस्तक
शहडोल. जिले के जयसिंहनगर क्षेत्र में सोमवार को शाम करीब चार बजे टिड्डी दल ने आखिर दस्तक दे ही दी। जिसकी सूचना पर प्रशासन तत्काल हरकत में आया। टिड्डी दल को डॉयल-100 के सायरन से और केमिकल स्पे्र से भगाने का प्रयास किया गया। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग संयुक्त संचालक जेएस पंद्राम ने बताया कि टिड्डी दल उमरिया जिले के मानपुर क्षेत्र से होते हुए जयङ्क्षसहनगर के ग्राम देवरी पहुंचा था। जिन्हे भगाने के लिए केमिकल स्पे्र कराया गया है। जिससे दल वापस मानपुर के जंगल की ओर चला गया है। इसके अलावा ग्राम रसोरा में छोटे टिड्डी दल को देखा गया है।कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मृगेन्द्र सिंह ने बताया है कि टिड्डी दल का आगमन शाम पांच बजे लगभग छह से आठ बजे तक होता है तथा सुबह साढ़े सात बजे तक दूसरे स्थानों के लिए प्रस्थान करने लगता है। इस बीच दल द्वारा खेतों में पांच सौ से हजार अंडे भी दिए जाते हैं। ऐसी स्थिति में टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए उसी रात में सुबह तीन बजे से साढे सात बजे तक बताए गए तरीकों का उपयोग करके टिड्डी दल पर नियंत्रण प्राप्त कर फसलों को बचाया जा सकता है। उन्होने जानकारी दी है कि टिड्डी दल राजस्थान से लगे हुए मध्प्रदेश के नीमच जिले से होता हुआ उज्जैन जिले से निकलकर देवास जिले के तहसील कन्नौद तक पहुंचने की जानकारी प्राप्त हुई है। हरदा जिले में भी टिड्डी दल का प्रकोप होने की संभावना है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वह खेतों में सतत निगरानी रखें और टिड्डी दल के आगमन होने पर खेतों में तेज ध्वनि जैसे तालियां बजाकर, ढोल बजा कर, डीजे बजा कर, खाली टीन के डिब्प्तबे बजाकर, पटाखे फोड़ कर, ट्रैक्टर का साइलेंसर निकालकर आवाज करके, टिड्डी दल को आगे की तरफ उड़ाया जा सकता है। साथ ही रासायनिक दवाइयों का प्रयोग ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर पंप में क्लोरोपायारीफॉस 20 प्रतिशत ईसी 1200 एमएल या डेल्टामेथ्रिन, 2.8 प्रतिशत ईसी 625 एमएल या डाईफ्लूबेन्जूरॉन 25 प्रतिशत डब्प्तल्यू पी 120 एमएल या लेम्डासायलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी 400 एमएल कीटनाशक का 500-600 लीटर पानी में ज्प्ताोलकर टिड्डीओं के ऊपर छिडक़ाव कर सकते हैं।
Published on:
01 Jun 2020 09:08 pm
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