Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इन लक्षणों के होने पर शनिदेव की होगी कृपा, मिलेगी बड़ी सफलता

शनि की ढैय्या और साढ़े साती पैदा करते हैं आशंका

2 min read
Google source verification
shani dev

lord Shani dev worship

शहडोल। शनि की ढैय्या और साढ़े साती लोगों के दिलों में डर और भविष्य के लिए आशंका पैदा करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं कि दुनिया में कुछ व्यक्ति शनि से जीवन भर प्रभावित रहते हैं। ऐसा व्यक्ति कुछ विशेष परिस्थितियों के साथ अन्य लोगों से अधिक चुनौतीपूर्ण जीवन जीता है, लेकिन जुझारू जीवन जीने के बावजूद ये समाज में विशिष्ट स्थान प्राप्त करते हैं।


ये आती है परेशानियां
ज्योतिष शास्त्र ऐसे लोगों को वास्तव में शनिदेव का कृपाप्राप्त मानता है। इनके जीवन में कठिनाइयां बहुत होती हैं लेकिन अंतत: ये हमेशा सफल होते हैं। लेकिन कैसे पता करें कि आप पर शनिदेव की कृपा है या अशुभ शनि का प्रभाव। इन्हें छोटी उम्र से ही हड्डियों से जुड़ी शारीरिक परेशानियां होने लगती हैं, खासकर पैरों की ऐसी परेशानियां जो इन्हें चलने में मुश्किल पैदा करे। पैरों में मोच आना, पैर या हाथ की हड्डी में क्रैक आना, कमर में दर्द, मसल्स में चोट, मसल्स क्रैक जैसी परेशानियां इन लोगों को होती रहती हैं।


एक खास मुकाम प्राप्त करते हैं
सबसे बड़ी बात यह होती है कि जितनी बड़ी परेशानी इन्हें होती है उतनी बड़ी यह दिखती नहीं है। जैसे; अगर ये कहीं से गिर जाएं तो सिर में सूजन आ सकती है लेकिन ज्यादातर खून नहीं निकलता। अक्सर ये इसी प्रकार की अंदरूनी चोटों के शिकार होते हैं जो ठीक होने के बाद भी जीवनभर इन्हें परेशान करते हैं। जिस भी व्यक्ति पर शनि की कृपा होती है वह शायद ही कभी किसी की मदद से आगे बढ़ाता है। वह या तो बहुत गरीबी और अभावों में पलता है या सक्षम होने के बावजूद किसी की मदद लेना पसंद नहीं करता। ये शून्य से शुरू करते हुए अपने बल पर एक खास मुकाम प्राप्त करते हैं जो हर किसी के लिए उदाहरण बन जाता है। ऐसे व्यक्ति बाह्य रूप में तो सामान्य दिखाते हैं लेकिन अंदर से बिल्कुल अकेले होते हैं। कई बार भरा-पूरा परिवार होने के बावजूद ये सबसे अलग रहते हैं। इसकी वजह यह होती है कि शनिदेव व्यक्ति को भ्रम की स्थितियों से बाहर रखते हैं और इसलिए उसे रिश्तों की सच्चाइयां पता चल जाया करती हैं।क्योंकि शनिदेव को छल-कपट बिल्कुल पसंद नहीं, इसलिए ये किसी से जुड़ नहीं पाते और अकेले पड़ जाते हैं। किंतु यही बात इन्हें आत्मज्ञानी बनाता है, ये एकांतवास में रहना पसंद करने लगते हैं और संसार के वास्तविक सुख-दु:ख को समझकर ईश्वर की और उन्मुख होने लगते हैं।

हमेशा सही मार्ग पर चलते हैं
ये स्वयं भी सही मार्ग पर चलते हैं और दूसरों को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। एक प्रकार से आप इन्हें समाज सेवी, संन्यासी और समाज सुधारक कह सकते हैं। ये खुद भी न्यायप्रिय होते हैं और दूसरों को भी ऐसा ही करने की सलाह देते हैं। इनकी यह खूबी सामाजिक जीवन जीने में इनकी बड़ी खामी भी होती है क्योंकि इस कारण इनका बहुत कम लोगों से रिश्ता बन पाता है।किंतु इनकी यह खूबी शनि के प्रभाव के कारण होता है जो न्यायप्रिय माने जाते हैं। इसलिए इस वजह से इन्हें परेशानियां तो होती हैं लेकिन यह इन्हें ख्याति भी देता है। अक्सर ऐसे लोग प्रसिद्धि पाते हैं और इतिहास में अमर हो जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों को अक्सर 35 वर्ष की उम्र में या इसके बाद ही बड़ी सफलता मिलती है। कर्मप्रधान होने के कारण इनके आगे बढऩे में किसी का योगदान नहीं होता, जो पाते हैं अपनी मेहनत और सार्थक प्रयासों के बल पर ही पाते हैं। कई शनि प्रधान व्यक्ति वैराग्य की ओर भी झुकते हैं। ये विवाह नहीं करते या विवाह के बाद भी परिवार छोड़कर संन्यासी का जीवन जीते देखे गए हैं।