
कुपोषण के मामलों में अधिकारियों के साथ बैठकर कई बिंदुओं पर एनालिसिस किया गया। कई ऐसे कुपोषित बच्चे मिले, जो पोषण आहार के बाद भी ग्रोथ नहीं कर रहे थे। अब विभाग कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर सिकलसेल व एनीमिया की जांच कर रहे हैं। बच्चों को किस तरह की बीमारी के साथ कौन से इलाज और न्यूट्रिशियन की जरूरत है, ये पता लगेगा। इससे उनका इलाज भी आसान होगा। पहले बच्चों को बाद में परिजनों को चिन्हित करेंगे। इसके बाद युवक युवतियों की भी जांच कराएंगे।
डॉ केदार सिंह, कलेक्टर शहडोल
Updated on:
10 Nov 2024 09:00 pm
Published on:
10 Nov 2024 08:58 pm
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