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अच्छे संस्कारों का पालन करने से होती है रिद्धि सिद्धि की प्राप्ति, घर को मंदिर जैसा बनाने का करें प्रयास

जैन मंदिर पर चातुर्मास पर धर्म सभा का आयोजन

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अच्छे संस्कारों का पालन करने से होती है रिद्धि सिद्धि की प्राप्ति, घर को मंदिर जैसा बनाने का करें प्रयास

अच्छे संस्कारों का पालन करने से होती है रिद्धि सिद्धि की प्राप्ति, घर को मंदिर जैसा बनाने का करें प्रयास

शहडोल. दुनिया में हर एक व्यक्ति रिद्धि सिद्धि की तलाश में है किंतु वह रिद्धि सिद्धि को अत्यधिक परिश्रम करने के बाद भी प्राप्त नहीं कर पाता है। अगर हम अपने जीवन में बुरे संस्कारों को दूर करें और अच्छे संस्कारों का पालन करने का प्रयास करें तो हमारे घर में ही रिद्धि सिद्धि प्रारंभ हो जाएगी। यह उद्गार मुनि श्री सुब्रत सागर महाराज ने चातुर्मास के दौरान धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनि श्री ने कहा कि अच्छे संस्कारों के कारण रिद्धि सिद्धि प्रसिद्धि सब कुछ प्राप्त होती है। प्रत्येक घर में कलह का वातावरण बना हुआ है इसमें क्या रिद्धि सिद्धि प्रकट होगी। अर्थात कभी भी ऐसे माहौल में रिद्धि सिद्धि प्रकट नहीं हो सकती।
मंदिर आदि स्थानों पर जाकर मंत्रों की आराधना करते हैं किंतु हमें रिद्धि सिद्धि का फल नहीं मिलता क्योंकि हमारे घर का माहौल मंदिर जैसा नहीं होता। रिद्धि सिद्धि तो मंदिर जैसे माहौल में प्रकट होती हैं। अपने घर के माहौल को महाभारत जैसा ना बनाकर मंदिर जैसा बनाने का प्रयास करना चाहिए। अगर घर के सदस्य आपस में कलह करते हुए रहते हैं तो रिद्धि सिद्धि कैसे प्रकट होगी। पहले हम अपने घर के माहौल को सुधारें फिर जाकर के भक्ति भाव का फल प्राप्त होगा। धर्म सभा में समाज के लोग बड़ी तादाद में उपस्थित रहे। श्रावक श्रेष्ठी बनने का सौभाग्य राजेश जैन के परिवार को प्राप्त हुआ। जिसमें उन्होंने चित्र अनावरण, शास्त्रदान, पाद प्रक्षाल करते हुए आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज की पूजा कर पुण्य अर्जित किया। आज निवार पहाड़ी कटनी से काफी भक्तगण आए जिन्होंने आहार दान का सौभाग्य पाया।