वर्ष 2006 से स्कूल प्रबंधन जीर्णोद्धार के लिए कर रहा था पत्राचार
शहडोल. नगर के बीचा-बीच स्थित अर्बन बेसिक स्कूल का जल्द ही कायाकल्प होगा। जर्जर भवन की जगह अब यहां व्यवस्थित व सर्वसुविधायुक्त भवन का निर्माण होगा। जिसमें छात्र-छात्राओं के अध्यापन के लिए सभी सुविधाएं मुहैया होंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 समग्र शिक्षा प्रणाली को रटने की पुरानी प्रथा से अलग व्यवहारिक समझ और वास्तविक ज्ञान की ओर ले जाने के लिए संभाग में शिक्षा का केंद्र बिंदु कहे जाने वाले अर्बन बेसिक स्कूल शहडोल को चुना गया है। इस स्कूल के कायाकल्प के लिए मध्यप्रदेश शासन ने 2 करोड़ 59 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। इस राशि से अर्बन स्कूल के लिए सर्वसुविधायुक्त भवन का निर्माण होगा। उल्लेखनीय है कि विद्यालय भवन लंबे समय से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। जिसके कायाकल्प के लिए विद्यालय प्रबंधन कई वर्षों से पत्राचार करने के साथ वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष भी मांग रखी थी। इसके बाद भी इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही थी। लंबे इंतजार के बाद अब इस विद्यालय की भी शासन ने सुध ली है।
सिर्फ मरम्मत से चला रहे थे काम
नगर के मध्य सन 1950 से संचालित अर्बन बेसिक स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया था। दीवारों में दरारें पड़ गई थी। छत जीर्ण-शीर्ण हो गया था और जगह-जगह से पानी टपक रहा था। यहां तक कि कुछ कमरे पूरी तरह से अनुपयोगी हो गए थे। जिसके लिए प्रबंधन ने पत्राचार किया तो कभी छत के मरम्मत का कार्य तो कभी दीवारों का रंग-रोगन कर जिम्मेदारी पूर्ण कर ली जा रही थी। ऐसे में यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को खतरा बना रहता था।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
नगर के इस प्राचीन विद्यालय की जर्जर स्थिति को लेकर पत्रिका ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। जिसके माध्यम से विद्यालय के जर्जर भवन व उसके जीर्णोद्धार के लिए प्रबंधन द्वारा वर्ष 2006 से किए जा रहे पत्राचार के संबंध में प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया था। जिसे शासन ने गंभीरता से लिया और विद्यालय के कायाकल्प के लिए राशि स्वीकृत कर दी है।
प्रशासनिक पदों पर हैं यहां से निकले छात्र
अर्बन बेसिक स्कूल के प्रधानाध्यापक सुदामा तिवारी ने बताया कि अर्बन स्कूल ने अनेक प्रतिभावान छात्रों को बौद्धिक संपन्न बनाकर समाज को सौंपा है। इनमें दीपक सिंह आईएएस, दिलीप राज द्विवेदी जो इस वक्त वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के निजी सचिव हैं वे इसी स्कूल के छात्र रह चुके हैं। इस स्कूल का चयन करने और इसे राशि आवंटित कराने में उन्होने अहम भूमिका का निर्वहन किया है। शहडोल को अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण एक नया स्कूल भवन उपलब्ध होगा।