बूढ़ी मां, पत्नी व दो बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पा रहा था युवक, फांसी लगाकर की खुदकुशी।
शहडोल. शहडोल जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। यहां आर्थिक तंगी से परेशान एक युवक ने मौत को गले लगा लिया। मृतक युवक बूढ़ी मां का एकलौता सहारा था, पत्नी की मांग का सिंदूर था और दो बच्चों का पिता था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो परिवार को दो वक्त की रोटी तक नहीं खिला पा रहा था। इसी कारण उसने फांसी लगाकर अपनी जिंदगी ही खत्म कर ली।
बच्चों को भूख से तड़पता नहीं देख पाया पिता
आर्थिक तंगी से परेशान होकर युवक के सुसाइड करने की ये घटना शहडोल जिले के जैतपुर थाने के पड़ मानिया गांव की है। जहां रहने वाले 30 साल के युवक राजेश ढीमर ने घर से कुछ दूर एक झोपड़ी में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। राजेश मछली पकड़ने के साथ ही मजदूरी करता था लेकिन बीते कुछ दिनों से उसकी आर्थिक हालत बेहद खराब थी। वो अपने परिवार को दो वक्त की रोटी भी नहीं खिला पा रहा था। बच्चों को भूख से तड़पड़ता देख वो बुरी तरह से टूट चुका था।
बीवी ने बताई पीड़ा
मृतक राजेशी की पत्नी ने बताया कि परिवार में बूढ़ी मां व दो बच्चों को मिलाकर कुल पांच सदस्य थे। जिनके भरण पोषण की पूरी जिम्मेदारी पति राजेश के कंधों पर ही थे। मेहनत मजदूरी कर जो कमाते थे उसी से परिवार चलता था लेकिन बीते कुछ दिनों से काम न मिलने के कारण राजेश काफी परेशान थे। कुछ दिन पहले उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया था, तब मैंने उन्हें समझाया था कि भगवान सब ठीक कर देंगे लेकिन अब उन्होंने ये कदम उठा लिया। परिवार के लोगों को दो वक्त की रोटी न खिला पाने के कारण पति राजेश बेहद परेशान रहने लगे थे। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरु कर दी है।
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