
शहडोल. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सीमाओं को लांघकर एक मादा बाघ ने रिहायशी इलाके में घुसकर सनसनी फैला दी। बेल्दी गांव में सोमवार को उस वक्त हडक़ंप मच गया, जब ग्रामीणों ने एक बाघ को पुजारी दुर्गा प्रसाद द्विवेदी के घर के बरामदे में रखे तखत पर आराम फरमाते देखा। गनीमत यह रही कि उस वक्त पुजारी घर पर नहीं थे, वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
बताया जा रहा है कि सुबह बाघ ने एक मवेशी का शिकार किया और उसके बाद आराम की तलाश में सीधे दुर्गा प्रसाद के घर पहुंच गई। घर के बाहर रखे लकड़ी के तखत को उसने अपना ठिकाना बना लिया। जैसे ही बाघ की खबर फैली, पूरे इलाके में डर और कौतूहल का माहौल बन गया और देखते ही देखते लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
भीड़ के बीच पड़वार निवासी गोपाल कोल ने बाघ को खदेडऩे का दुस्साहस किया। खुद को घिरता देख बाघ आक्रामक हो गई और गोपाल पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में गोपाल गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे आनन.फानन में बरही स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे कटनी रेफर कर दिया गया है।
घटना की सूचना मिलते ही पार्क प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की टीम दलबल के साथ मौके पर पहुंची। एसडीओ दिलीप मराठा, भूरा गायकवाड़ और पनपथा रेंजर प्रतीक श्रीवास्तव की मौजूदगी में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। शाम ढलते-ढलते विशेषज्ञ टीम ने बाघ को सफलतापूर्वक ट्रैंकुलाइज (बेहोश) किया] तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। पार्क प्रबंधन के अनुसार, रेस्क्यू किए गए बाघ को फिलहाल बहेरहा इंक्लोजर में रखा जाएगा। वहां उसके व्यवहार और स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद ही उसे दोबारा सुरक्षित घने जंगल में छोडऩे का निर्णय लिया जाएगा।
Published on:
30 Dec 2025 11:51 am
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