scriptनाबालिग से छेड़छाड़ के बाद कर लिया था राजीनामा, फिर भी कोर्ट ने दी सजा | After agreeing to molest a minor, he was persuaded, yet the court sent | Patrika News
शाजापुर

नाबालिग से छेड़छाड़ के बाद कर लिया था राजीनामा, फिर भी कोर्ट ने दी सजा

न्यायालय विशेष न्यायाधीश एवं द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

शाजापुरDec 13, 2019 / 01:20 pm

Piyush bhawsar

After agreeing to molest a minor, he was persuaded, yet the court sent

नाबालिग से छेड़छाड़ के बाद कर लिया था राजीनामा, फिर भी कोर्ट ने दी सजा

शाजापुर.

न्यायालय विशेष न्यायाधीश एवं द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रमा जयंत मित्तल शाजापुर ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने एवं गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धौंस देने वाले दो आरोपियों को कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। इस मामले में खास बात यह है कि राजीनामा हो जाने के बाद भी न्यायालय ने अभियुक्तगण को दंडित किया है।

मीडिया प्रभारी एवं एडीपीओ अजय शंकर ने बताया कि 19 दिसंबर 2018 को पीडि़ता ने थाना अकोदिया पर आकर इस आशय की रिपोर्ट लिखाई कि उसके काका और काकी शाजापुर कोर्ट में पेशी पर गए थे। घर पर वह और उसकी बहन थी। शाम करीब 5 बजे दिनेश बागरी का साला रोहित पिता दयाराम बागरी निवासी शुजालपुर आया और उससे कहा कि अपना मोबाइल नंबर देदे। जब पीडि़ता ने कुछ नहीं बोला और अपने घर तरफ जाने लगी। इसी दौरान रोहित ने बुरी नियत ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला मेरे साथ चल। इस पर पीडि़ता हाथ छुड़ाकर अपने घर चली गई। शाम को काका और काकी के लौटने पर पीडि़ता ने घटना की जानकारी उन्हें दी। इस पर पीडि़ता के काका रोहित और दिनेश को समझाने के लिए उसके घर गए। कुछ देर बाद ही दिनेश और रोहित पीडि़ता के घर पहुंचे और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पीडि़ता की उक्त रिपोर्ट पर आरोपी के विरुद्ध धारा 354, 354ए, 294, 506, 34 भादवि तथा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने मामले में आरोपी रोहित पिता दयाराम बागरी निवासी शुजालपुर सिटी को धारा 354 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 354क भादवि में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 294 भादवि में न्यायालय उठने तक का कारावास 500 रुपए अर्थदंड से एवं धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 7 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। वहीं अभियुक्त दिनेश पिता सालगराम बागरी ग्राम बोलाई को धारा 294 भादवि में न्यायालय उठने तक के कारावास से दंडित किया गया। पीडि़ता और आरोपीगण के मध्य राजीनामा हो जाने के पश्चात ही अभियोजन के तर्क से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण को दंडित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी रमेश सोलंकी एवं विशेष लोक अभियोजक राघवेंद्रप्रताप सिंह धाकड़ जिला शाजापुर द्वारा की गई।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो