
चायना डोर में उलझा एक और पंक्षी, युवक ने टॉवर पर चढक़र बचाई जान
शाजापुर.
जिले में चायना डोर पर प्रतिबंध लगा हुआ है। बावजूद चायना डोर का उपयोग सामने आ रहा है और इसके उपयोग से होने वाले नुकसान भी दिख रहे हैं। गत दिनों एक युवक चायना डोर की चपेट में आया था, वहीं लगातार आकाश में उडऩे वाले पक्षी भी इस घातक डोर की जद में आ रहे हैं। चार दिन बाद मकर संक्रांति का पर्व है, पर्व को देखते हुए शहर में कहीं-कहीं पतंगे उडऩे लगी है, दुकाने सजी हुई है, लेकिन प्रशासन की टीम ने प्रतिबंध के बाद एक बार भी जमीनी कार्रवाई नहीं की। न ही अभी तक पतंग-डोर की दुकानों का निरीक्षण किया गया है और न हीं कोई कार्रवाई हुई है। नतीजतन ये चायना डोर पक्षियों सहित आमजन के लिए खतरा बनती जा रही है।
गुरुवार को भी काछीवाड़ा क्षेत्र में एक पक्षी चायना डोर की चपेट में आ गया। डोर से कौआ पक्षी के पर उलझ गए और वह एक मोबाइल टॉवर पर अटक गया। काफी देर तक कौआ डोर में उलझकर तड़पता रहा और उडऩे की कोशिश करता रहा। जब क्षेत्रवासियों ने टॉवर पर देखा कि एक पक्षी टॉवर पर डोर में उलझा है और उडऩे की कोशिश कर रहा है, तब रहवासियों ने उलझे पक्षी की सूचना ऑटो यूनियन के अध्यक्ष को खबर की। उसके बाद मौके पर यूनियन टीम के सदस्य व मोबाइल टॉवर कंपनी के कर्मचारियों द्वारा पक्षी को टावर से निकाला गया। पक्षी को निकालने के लिए एक युवक टॉवर के ऊपर चढ़ा, ताकि चायना डोर में फंसे पक्षी को सुरक्षित निकाला जा सके। कुछ देर में पक्षी को निकालकर लाए और उसके परों व पैरों में उलझी चायना डोर को निकाला। बता दें कि डोर से पक्षी घायल भी हो गया, जिसका देशी उपचार कर छोड़ दिया गया। चायना डोर से होने वाले नुकसान यह एक ही दृश्य है, हर दिन कहीं न कहीं ऐसे अनेक मामले सामने आते है। बावजूद प्रशासन ने अब तक कार्रवाई शुरू नहीं की।
बता दें पिछले कुछ सालों से पतंग उड़ाने के लिए चायना के मांझे का उपयोग तेजी से बढ़ा है। नायलोन का यह धागा कांच और अन्य रसायन लगाने से और खतरनाक हो जाता है। राह चलते लोगों और आसमान में उड़ते पक्षियों को जब इस धागे ने नुकसान पहुंचाना शुरू किया तो शासन-प्रशासन ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी। इस महत्वपूर्ण मामले में भी सरकारी आदेश सिर्फ आदेश बनकर रह गया, क्योंकि प्रशासन का अमला यह पता लगाने कभी नहीं निकलता कि प्रतिबंधित मांझा कहीं चोरी छिपे तो नहीं बिक रहा। ऐसे में कई जगह चायना मांझा न सिर्फ बिक रहा है बल्कि इसका उपयोग भी हो रहा है। मासूम लोगों और निरीह पक्षियों को नुकसान भी हो रहा है।
ये सावधानी बरते
- बाजार से चाइना की डोर के बजाए सामान्य मांझा खरीदकर लाएं। यह बिल्कुल भी खतरनाक नहीं होता, और ना ही इतना पक्का होता है, कि किसी पशु-पक्षी को घायल करें।
- अगर घर में गलती से भी चाइना की डोर आ गई है, तो उसे बच्चों और अन्य लोगों से दूर रखें और चाइना डोर के नुकसान और खतरे से अवगत कराएं।
- पतंग उड़ाते समय भी विशेष रूप से सावधानी रखें। सामान्य धागे में भी कई बार कांच का मिश्रण लगा होता है। यह आपको घायल कर सकता है।
- अगर बच्चे मिलकर पतंग उड़ा रहे हैं, तो बड़े इस बात का ख्याल रखें कि बच्चे किस प्रकार के मांझे का प्रयोग कर रहे हैं। वहां मौजूद रहकर बच्चों पर ध्यान रखें।
- पतंग के कहीं उलझने या टकराने पर उसे खींचने का प्रयास न करें। इससे संबंधित वस्तु को नुकसान पहुंच सकता है, साथ ही आपके हाथ में भी चोट लग सकती है।
- सुरक्षित स्थान पर खड़े रहकर पतंग उड़ाएं और इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मांझा किसी को स्पर्श न कर सके। इससे आसपास के लोग भी सुरक्षित रहेंगे।
Published on:
09 Jan 2020 09:33 pm
बड़ी खबरें
View Allशाजापुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
