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सावधान… कहीं ये सफर मुसीबत न बन जाए

धड़ल्ले से हो रहा ओव्हर लोडिंग वाहन में सफर, न कोई कार्रवाई, न कोई जुर्माना, विभागीय कार्रवाई महज खानापूर्ति, जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जारी है लोडिंग वाहनों में सफर

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Be careful ... this journey should not become a problem

सावधान... कहीं ये सफर मुसीबत न बन जाए

शाजापुर.
इन दिनों न ही शादी गूंज है, न ही त्योहारों की भीड़, फिर भी हर दिन हाईवे से ओव्हर लोडिंग वाहनों का सफर जारी है। प्रतिदिन ये वाहन शहर से दूरस्थ स्थल को जाने वाले मार्गों पर ओव्हर लोडिंग कर सवारी ले जाते हैं। लेकिन इन पर न हीं कोई कार्रवाई हो रही है और न ही कोई जुर्माना हो रहा है। जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति में लगे हुए हैं।
शाजापुर हाईवे से लेकर बेरछा रोड, दुपाड़ा सहित जिले के अन्य मार्गों पर हर दिन ओव्हर लोडिंग मैजिक, ऑटो गुजरते हैं सहित लोडिंग वाहनों में सवारी ढोने का काम जारी है। ऑटो में ८-१० तो मैजिक में १५-२० सवारी भरी जाती है। जिससे हर समय दुर्घटना का डर बना रहता है। खास बात यह है कि जगह नहीं होने पर सवारी लटकने तक को तैयार है। जान की परवाह किए बगैर इस तरह का सफर जारी है। ऑटो-मैजिक चालकों की मनमानी के चलते वाहनों में ठूंस-ठूंसकर सवारी भरी जाती है और हाईवे से निकाली जाती है। ऐसे में हर समय वाहन पलटने और दुर्घटना का भय बना रहता है। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से ये सफर जारी है।
बता दें कि २९ दिसंबर को शाजापुर से १० किमी दूर ग्राम बमोरी के पास एक लोडिंग वाहन पलट गया था। लोडिंग वाहन में ३० से अधिक सवारी बैठी थी, जिसमें से २० यात्री घायल हो गए थे। दुर्घटना में घायल हुए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। सभी ग्रामीण ग्राम रिछौदा से शाजापुर में रविवार को लगे हाट बाजार में खरीदारी करने के लिए लोडिंग वाहन में सवार होकर आ रहे थे। तभी रास्ते में लोडिंग वाहन असंतुलित होकर पलट खा गया था। इसके बाद घायलों का उपचार शाजापुर जिला अस्पताल में किया गया।
लोडिंग वाहनों में भी जारी है सफर
खास बात यह है कि सवारी वाहनों में तो ओव्हर लोडिंग सफर हो ही रहा है। इसके साथ कृषि उपयोग में लाने वाले ट्रेक्टर-ट्राली व अन्य लोडिंग वाहनों में भी अनेकों सवारी ढोई जाती है। जो ट्राली में लटकते हुए जाती है। बता दें कि ट्रेक्टरों का पंजीयन भले ही कृषि उपयोग के लिए किया जाता हो, लेकिन कृषि के अलावा व्यवसायिक तौर पर ट्रेक्टरों का उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है। सबसे अधिक खनिज सामग्री ढोने में इसका उपयोग हो रहा है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की सवारी भी ट्रेक्टर-ट्राली से सफर कर रही है। रात में सडक़ पर चलते इन वाहनों में अनेक खामियां होने के कारण दूसरे वाहन चालकों के लिए खतरा बना रहता है। ऐसे में दुर्घटना हो जाती है। ऐसे में वाहन में बैठी सवारियों को खामियाजा भुगतना पड़ता है।
इनका कहना
मुख्यालय पर लोडिंग और ओवर लोडिंग वाहनों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही यातायात सप्ताह शुरू होगा। जिसमें नागरिकों यातायात संबंधी जानकारी देने सहित वाहन चालकों को भी यातायात नियमों के पालन की समझाईश दी जाएगी। ओव्हर लोडिंग ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक होती है, जिसे रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- सोरभ शर्मा, यातायात प्रभारी शाजापुर