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चायना डोर चपेट में आने से बालक का पैर कटा

प्रतिबंध के बावजूद हो रहा चायना डोर का उपयोग, जिम्मेदारों ने नहीं की कार्रवाई, आज मकर संक्रांति पर होगी पतंगबाजी

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Child's leg cut

चायना डोर चपेट में आने से बालक का पैर कटा

शाजापुर.
प्रतिबंध के बावजूद शहर में चायना डोर का उपयोग देखा जा रहा है। लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। नतीजतन अब अनेक पंक्षी सहित आमजन चायना डोर की चपेट में आ चुके हैं। सोमवार को भी एक बालक चायना डोर की चपेट में आ गया, जिससे बालक का पैर कट गया। महूपुरा निवासी १२ वर्षीय बालक दानिश पिता अकील दोपहर २ बजे के लगभग बाजार में सामान खरीदने गया था। इसी दौरान उसका पैर चायना डोर की चपेट में आकर कट गया। जिसे उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए। जहां बालक का उपचार किया गया।
आसमान में इठलाएंगी रंगबिरंगी पतंगें
जिलेभर में मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। आसमान में सुबह से देर शाम तक रंगबिरंगी पतंगें इठलाती नजर आएंगी। कोई पतंगबाजी, तो कोई गिल्ली-डंडा खेलकर पर्व के उत्साह को दोगुना करेगा। वहीं तिल-गुड़ से मुंह मीठा कराकर एक-दूसरे को संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं दी जाएंगी। इस वर्ष तिथि के अनुसार दो दिन १४ और १५ जनवरी को मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। पंडितों के अनुसार सूर्य के १४ जनवरी को देर रात १.३८ बजे पर मकर राशि में पहुंचने के कारण उदित तिथि में त्योहार १५ जनवरी को मनेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को ही मकर संक्रांति कहते हैं। यहां से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। इस पर्व पर स्थान व दान का विशेष महत्व होता है।
बता दें कि मकर संक्रांति पर्व को लेकर १४ जनवरी को पतंगबाजी का दौर चलता आया है। यही वजह है कि १५ जनवरी को रिती के साथ संक्रांति मनाई जाएगी, लेकिन १४ जनवरी को जमकर पतंगबाजी की जाएगी। ऐसे में लोगों को दो दिन पतंगबाजी करने को मिलेगी। इधर मकर संक्रांति पर्व को लेकर युवा वर्ग में पतंगबाजी को लेकर काफी उत्साह नजर आ रहा है। बच्चे भी पतंग-डोर खरीदने में पीछे नहीं है। बाजार में पिछले दो-तीन दिनों से पतंगों की दुकानों पर खरीददारों की भारी भीड़ नजर आ रही है। इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। मकर संक्रांति पर्व के कारण अधिकांश व्यापारी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रख पतंग उड़ाने का मजा लेते हैं। मकर संक्राति पर्व पर पतंग लूटने वाले बच्चे व युवा भी हाथों में बांस व झांकरा लेकर सडक़ों पर दौड़ते नजर आएंगे।

गीत-संगीत के बीच उड़ेगी पतंग
मनोरंजन करने वाले अधिकांश युवा छतों पर म्यूजिक प्लेयर व स्पीकर रखेंगे और पतंगबाजी की कॉमेंट्री करेंगे। इसकी तैयारियां मकर संक्रांति पर्व की पूर्व संध्या से ही शुरू हो जाती है। पतंगबाज आजाद मालवीय, अंकूर चौहान, गणेश गवली आदि ने बताया कि छतों पर स्पीकर लगाएंगे और पतंग कटने व काटने की कॉमेंट्री करेंगे। इतना ही नहीं पतंगबाजी से संबंधित गाने बजाकर भी मनोरंजन करेंगे।

पतंग से सजी दुकानें
मकर सक्रांति पर्व पर जहां तिल-गुड़ दान का महत्व होता है। वहीं शहर में लोग पतंग उड़ाकर संक्राति को महत्व देते हैं। पतंग व्यापारियों ने कई दिन पहले से ही पतंग और डोर का भारी स्टॉक कर लिया था। अंतिम दिनों में उन्होंने अपनी दुकानें ही पतंग से सजा ली, जो आकर्षक का केंद्र रही। सोमवार सुबह से देर रात तक सोमवारिया, चौक बाजार, किला रोड, बस स्टैंड, मीरकला बाजार आदि क्षेत्रों में पतंग की दुकानों पर बच्चों, युवा और बड़ों की भीड़ रही। चायना डोर प्रतिबंधित है, लेकिन कई जगह उडऩे वाली पतंगों में चायना डोर सामने भी रही है।

संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति पर्व को लेकर १५ जनवरी को विशेष पुण्यकाल में दान पुण्य के कार्य होंगे। काल के समय तीर्थ स्नान, दान, जाप, हवन, तुलादान, गोदान, स्वर्ण दान के विशेष महत्व हैं। गरीबों को कंबल, ब्राह्मणों को खिचड़ी एवं तिल गुड़ का पात्र भरकर दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी। गाय को पालक और आटा, घास खिलाना भी शुभ माना जाता है। साथ ही तीर्थ सरोवरों में स्नान को भी विशेष महत्व दिया गया है।