
योजना का नाम बदल दिया, लेकिन भुगतान नहीं किया
शाजापुर.
पहले भावांतर भुगतान योजना के तहत किसानों को प्याज और लहसून के विक्रय पर क्रमश: 4 रुपए और 8 रुपए प्रतिकिलो के मान से राशि देने की सरकार की योजना को सरकार ने बाद में समृद्धि योजना का नाम दे दिया। योजना को नया नाम मिलने के बाद किसानों के खाते में प्रोत्साहन राशि पहुंचाई जाना थी, लेकिन उपज बेचे एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसानों के खाते में राशि नहीं आई है। जबकि जिले के 16 हजार से ज्यादा किसानों के खाते में समृद्धि योजना के तहत करीब 18 करोड़ रुपए की राशि पहुंचाई जाना है। अधिकारियों का कहना है कि जिन किसानों को राशि मिलना है उनकी सूची के हिसाब से डिमांड बनाकर भेज दी है, अब जो भी कार्रवाई होगी वो आगे से ही होगी। ऐसे में किसान परेशान हो रहे है।
जिले में प्याज और लहसून की भावांतर योजना के तहत खरीदी का कार्य 16 मई से 30 जून तक किया गया। इस दौरान जिले के शाजापुर, शुजालपुर और पोलायकलां में खरीदी केंद्र बनाए गए। इन खरीदी केंद्रों पर करीब 16 हजार 500 किसानों ने 4 लाख 65 हजार क्विंटल प्याज का विक्रय किया। इस बिक्री के बाद किसानों को प्याज के लिए 400 रुपए प्रति क्विंटल और लहसून के लिए 800 रुपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि उनके खातों में पहुंचाई जाने की बात कही गई थी। 30 जून तक हुई खरीदी के बाद जिले के किसानों के खातों में करीब 18 करोड़ रुपए की राशि पहुंचाई जाना है, लेकिन जुलाई माह पूरा बीत गया और अगस्त का भी एक सप्ताह पूरा हो गया। इसके बाद भी किसानों के खातों में प्रोत्साहन राशि अभी तक नहीं पहुंची है। राशि के लिए किसान जगह-जगह चक्कर लगा रहे है। किसी को भी ये जानकारी नहीं है कि आखिर कब तक किसानों की प्रोत्साहन राशि उनके खातों में पहुंचेगी।
बंपर पैदावार पर अच्छी लागत देने के लिए शुरू की थी योजना
जिले में पिछले कुछ वर्षों में प्याज की पैदावार में खासी बढ़ोतरी हुई है। पिछले कुछ वर्ष में सरकार ने किसानों से सीधे प्याज की खरीदी की थी। प्याज की खरीदी करने के बार इसे रखने और इसके परिवहन में सरकार को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे में इस वर्ष प्याज की खरीदी सीधे नहीं करते हुए किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 400 रुपए प्रति क्विंटल के मान से प्याज और 800 रुपए प्रति क्विंटल के मान से लहसून के दिए जाने की योजना बनाई गई। साथ ही जिले में तीन खरीदी केंद्र बनाकर प्याज-लहसून की खरीदी आम व्यापारियों ने की। जिसकी प्रोत्साहन राशि सीधे सरकार के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंचाई जाना थी। योजना का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में किसानों ने तीनों खरीदी केंद्रों पर पहुंचकर उपज का विक्रय किया। अब किसान प्रोत्साहन राशि के लिए इंतजार कर रहे है।
फसल बीमा की राशि दिलवाने की किसानों ने की मांग
शुजालपुर तहसील के ग्राम फुलेन निवासी अनेक किसान मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां पर किसानों ने कलेक्टर को आवेदन सौंपकर प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि अब भी तक खातों में जमा नहीं होने की बात बताते हुए राशि दिलवाने की मांग की।
कलेक्टर कार्यालय पहुंचे ग्राम फुलेन निवासी सुगनबाई, करणसिंह, जगन्नाथ, अजबसिंह, विमलाबाई, लक्ष्मीनारायण, आत्माराम, कंवरलाल, बाबूलाल, हिम्मतसिंह, सुबाकसिंह, नारायणसिंह आदि ने बताया कि हम सभी की ग्राम फुलेन में पटवारी हल्का नंबर 22 में कृषि भूमि है। इस जमीन पर सभी किसानों ने भारतीय स्टेट बैंक की शाख ऊंचोद मोहम्मदखेड़ा से केसीसी लिया हुआ है। सभी किसानों की जमीन बैंक की इस शाखा में बंधक है। सभी किसानों के नाम केसीसी खाता नंबर प्रीमियम राशि जो बैंक ने बीमा कंपनी में जमा कराई है और जो ऋण राशि बैंक से किसानों ने प्राप्त की है उसकी सूची भी संलग्न की है। इस हल्के के सभी किसानों ने बीमा राशि बैंक ने उनके केसीसी खातों में जमा करा दी है, लेकिन किसानों को फसल बीमा राशि केसीसी खातों में आज तक भी जमा नहीं की गई है। जब किसानों ने शाखा प्रबंधक से संपर्क कर आवेदन दिया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है। किसानों ने केसेसी बैंक खातों में फसल बीमा राशि जमा करवाने की मांग की है।
इनका कहना है
एनआइसी के माध्यम से हमे किसानों को प्याज-लहसून के भुगतान की प्रोत्साहन राशि उनके खातों में भेजी जाने के लिए सूची दी गई थी। इस सूची के हिसाब से खरीदी की जांच करने के लिए कमेटी बनाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर के माध्यम से किसानों को भुगतान किए जाने की राशि की डिमांड बनाकर भोपाल भेज दी गई है। अब वहीं से किसानों के खातों में राशि आएगी। कब तक राशि मिलेगी इस बारें में कोई जानकारी नहीं है।
- केपीएस परिहार, उपसंचालक, उद्यानिकी-शाजापुर
Published on:
07 Aug 2018 10:34 pm
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