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गांव वालों और राकेश टिकैत की भी नहीं मानी, किसान ने खड़ी फसल पर चला दिया ट्रैक्टर

ट्रैक्टर के सामने खड़े हो गए गांव वाले फिर भी किसान ने नहीं लगाई ब्रेक गांव वालों के मना करने के बावजूद खड़ी फसल पर चला दिया रूटावेटर  

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फसल पर रूटावेटर चलाता किसान और राेकने का प्रयास करते ग्रामीण

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
शामली . काँधला में कृषि कानूनो के विरोध को लेकर एक किसान ने गुस्से में अपनी चार बीघा गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया। किसान का कहना है कि आगे वह अपनी गन्ने की फसल में आग लगाने से पीछे नही हटेगा। मौके पर मौजूद अन्य किसानों ने उसे काफी समझाने की कोशिश की ट्रैक्टर के आगे भी खड़े हो गए लेकिन किसान नहीं माना और फसल पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया।

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घटना रविवार की है। सहारनपुर में किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायत थी। उन्होंने मंच से कहा कि अब कोई भी किसान अपनी फसल को नष्ट ना करें। हमे सरकार को दिखाना था और सरकार जान गई है ऐसे में किसान अब फसल पर ट्रैक्टर ना चलाएं। इसी बीच कांधला क्षेत्र नगर पंचायत के गांव एलम निवासी किसान देवेन्द्र उर्फ कल्लू पुत्र गोवर्धन गांव भनेडा स्थित अपने खेतों पर ट्रैक्टर ट्राली लेकर पहुंचा और अपनी गेहूं की फसल को नष्ट करना शुरू कर दिया।

यह देख आस-पास काम कर रहे किसान सतबीर सभासद, परमेन्द्र, कुम्भा राम आदि ने उसके पास जाकर उसे समझाने का प्रयास करते हुए फसल को नष्ट करने से रोकने का काफी प्रयास किया लेकिन देवेन्द्र ने किसी की बात नहीं मानी। दूसरे किसान उसके ट्रैक्टर के देवेंद्र ने ब्रेक नहीं लगाई और गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया।

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किसान देवेन्द्र ने बताया कि कृषि कानूनो के विरोध में उसने अपनी गेहूं की फसल को पूरी तरह से नष्ट किया है। कहा कि, जब तक मोदी सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक इसी तरह से विरोध करते रहेंगे। किसान का ये भी कहना है कि अभी तो खड़ी फसल नष्ट की है, यदि जरूरत पड़ी तो वह अपनी गन्ने की फसल को आग के हवाले करने से भी पीछे नही हटेेगा।

केन्द्र सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया। इस सरकार ने किसानों को बेरोजगार बना दिया है। अब हमारी जमीनों पर निगाह लगाए बैठी है। अगर सरकार ने तीनों काले कानून वापस नही लिए तो वह आगे से अपनी जमीन में फसले बोना बंद कर देगे।