5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने अटकाई कूनो नेशनल पार्क की चीता सफारी

-कूनो नेशनल पार्क में प्रस्तावित है चीता सफारी, बनने में लगेंगे 2 से 3 साल

2 min read
Google source verification
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने अटकाई कूनो नेशनल पार्क की चीता सफारी

सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने अटकाई कूनो नेशनल पार्क की चीता सफारी

श्योपुर,
कूनो नेशनल पार्क में प्रस्तावित चीता सफारी पर फिलहाल ग्रहण लग गया है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने वन संरक्षण को लेकर एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा कि वन भूमि पर चिडिय़ाघर खोलने या सफारी शुरू करने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी की आवश्यकता होगी। यही वजह है कि 26 फरवरी को मुख्यमंत्री के हाथों प्रस्तावित चीता सफारी का भूमि पूजन अब नहीं कराया जाएगा।
2023 के वन संरक्षण कानून में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में गत 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि देश भर में कहीं भी चिडिय़ाघर खोलने या वन भूमि पर 'सफारी' शुरू करने के किसी भी नए प्रस्ताव को अब सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी की आवश्यकता होगी। यही वजह है कि कूनो में प्रस्तावित चीता सफारी में भी 124 हेक्टेयर का रकबा कूनो वनमंडल का आ रहा है। जिसके चलते अब चीता सफारी बनाने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी होगी। इसी के चलते अब डीपीआर बनाने से पहले कूनो प्रबंधन सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेगा, जिसके बाद ही भूमि पूजन होगा। यही वजह है कि 26 फरवरी को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में चीता सफारी का भूमि पूजन नहीं होगा।
चीता सफारी को बनने में लगेंगे 2 से 3 साल
कूनो नेशनल पार्क में प्रस्तावित चीता सफारी का कुल एरिया 181.17 हेक्टेयर होगा, जिसमें 124.94 हेक्टेयर कूनो वनमंडल का वन एरिया होगाा, जबकि 56.23 हेक्टेयर का रकबा राजस्व भूमि का होगा। वनक्षेत्र की भूमि आने से ही सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लेनी पड़ेगी। अब अनुमति कब मिलेगी, ये भी फिलहाल अधर में है। उसके बाद डीपीआर बनेगी और डीपीआर बनने के बाद टेंडर होंगे, जिसके बाद भी 2 से 3 साल में चीता सफारी होगी।
पहले सुप्रीम कोर्ट से अनुमोदन लिया जाएगा
हां, सुप्रीम कोर्ट ने अब देश में कहीं भी वनक्षेत्र में सफारी बनाने को लेकर निर्देश जारी किए हैं, लिहाजा चीता सफारी में भी वन क्षेत्र आ रहा है, इसलिए पहले सुप्रीम कोर्ट से अनुमोदन लिया जाएगा।
उत्तम कुमार शर्मा
डायरेक्टर, प्रोजेक्ट चीता कूनो नेशनल पार्क श्योपुर