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परंपरागत खेती के साथ नकदी खेती को बढ़ावा देने के होंगे प्रयास

खरीफ की तैयारी बैठक में विभागों ने दिया अपना प्रजेंटेशन, कलेक्टर बोले-दिए गए लक्ष्यों की पूर्ति करें

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परंपरागत खेती के साथ नकदी खेती को बढ़ावा देने के होंगे प्रयास

बैठक में मौजूद अफसर।

श्योपुर. खरीफ फसलों की तैयारियों के लिए सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में एपीसी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कृषि विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों ने अपना प्रजेंटेंशन दिया, वहीं परंपरागत खेती के साथ ही नकदी फसलों की खेती, उद्यानिकी और पशुपालन को बढ़ावा देने के प्रयास पर मंथन हुआ। बैठक में कृषि, सहकारिता, पशुपालन, डेयरी, मछली पालन, उद्यान, एमपी एग्रो आदि विभागों के कार्यों और लक्ष्यों की समीक्षा की गई।

इस दौरान कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि खेती को फायदे का धंधा बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, इसके लिए विभागीय अधिकारी अपने-अपने विभाग के प्राप्त होने वाले लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करेंगे। साथ ही खरीफ फसलों की तैयारी दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने बैठक में कहा कि आगामी खरीफ सीजन में किसानों के लिए खरीफ फसल धान, सोयाबीन, उड़द, बाजरा, ज्वार, मक्का की बोवनी के लिए उन्नत किस्म का बीज प्रदान करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, साथ ही यूरिया, डीएपी आदि किस्म के खाद किसानों की मांग के अनुरूप स्टाक में रखा जाए। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी की दिशा में अमरूद की खेती को बढ़ावा दिया जाए, इस दिशा में तीन नर्सरियों में अमरूद के पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराएं। बैठक में जिपं सीइओ हर्ष सिंह ने कहा कि खेती को फायदे का धंधा बनाने की दिशा में किसानों को मनरेगा से अमरूद के पौधे उपलब्ध कराने के प्रयास विभागीय अधिकारी सुनिश्चित करें। साथ ही सब्जी क्षेत्र को भी बढ़ाने के प्रयास उद्यानिकी विभाग के अधिकारी करें।