पुलिस ने आवेदन लेकर वृद्ध माता-पिता को आश्वासन दिया है कि उनकी बेटी को मुक्त कराया जाएगा। इधर आदिवासी संगठन वृद्ध माता-पिता की सहायता के लिए आगे आया है। सहरिया विकास परिषद के पदाधिकारी वृद्ध माता-पिता को लेकर सोमवार को बाड़ी पहुंचे जहां उनकी बेटी को बेचा गया है। लेकिन वहां ताला लगा मिला। इसके बाद वह कराहल लौट आए।
युवती के माता-पिता ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया है कि उन्हें गुमराह कर उनकी बेटी को कराहल से राजस्थान के धौलपुर कस्बे में बाड़ी गांव में बेच दिया गया है। जिस व्यक्ति को उनकी बेटी को बेचा गया है उसकी उम्र 45 साल है और वह दिव्यांग है। माता-पिता ने बताया कि 18 माह में कई बार पुलिस से संपर्क किया। विधायक सीतराम आदिवासी को भी बताया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बताते हैं कि युवती के आठ माह की एक बच्ची है। युवती बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी।
थाना प्रभारी राजेश शर्मा से संपर्क कर आधा दर्जन आदिवासी युवाओं के साथ मैं बाड़ी पहुंचा। बच्ची को जहां बेचा गया था उस घर में ताला लगा मिला। पड़ोसियों में बताया एक लडक़ी रहती है देखा किसी ने नहीं वह हर समय ताले में बंद रहती है, लेकिन अब 15 दिन पहले यह परिवार कहीं चला गया है।
मुकेश मल्होत्रा, प्रदेश अध्यक्ष, सहरिया विकास परिषद संगठन तीन दिन पहले परिजन आए थे। हमने आवेदन लेकर इस मामले से जुड़े कुछ लोगों से पूछताछ की है। जल्द ही पुलिस पार्टी रवाना कर उस ठिकाने पर छापा मारा जाएगा, जहां युवती को रखा गया है।
राजेश शर्मा, थाना प्रभारी, कराहल