आदिम जाति कल्याण विभाग प्रबंधन खेल परिसर में पूरा काम होने का कर रहा इंतजार- पीआईयू के अफसर बोले..हम तो हैंडओवर की कर चुके हैं पेशकश- मामल ढेंगदा स्थित खेल परिसर का
श्योपुर
ढेगदा खेल परिसर में करीब 11 करोड़ रुपए से इंडोर स्टेडियम, एथेलेटिक्स मैदान समेत अन्य निर्माण कार्य दो साल में पूरे होने थे, लेकिन अब तक काम अधूरे हैं। इस बीच जो निर्माण कार्य हुए उनको हैंडओवर नहीं किया जा सका है। ऐसे में हैंडओवर से पहले इंडोर स्टेडियम भवन न केवल अंदर से खराब हो गया बल्कि भवन में दरारें पड़ गईं। बावजूद इसके पीआईयू और आदिमजाति कल्याण विभाग हैंडओवर को लेकर चुप्पी साधकर बैठे हैं।
टेंडर प्रक्रिया के तहत दो साल बाद यानि मार्च 2018 में खेल परिसर में विभिन्न निर्माण कार्य हो जाने थे। लेकिन छह साल बाद भी निर्माण कार्य चल रहे हैं।इंडोर स्टेडियम बनकर तैयार है, लेकिन उसकी हैंडओवरिंग अफसरनहीं कर पा रहे हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग के अफसर खेल परिसर तैयार होने का इंतजार कर रहें तो पीआईयू के अफसर हैंडओवर करने को तैयार हैं, लेकिन हैंडओवर के खेल में इंडेार स्टेडियम का भवन खस्ताहाल हो रहा है।
वर्ष 2016 में हुए थे टेंडर
ढेंगदा खेल परिसर में क्वार्टर, इंडोर स्टेडियम सहित एथलेटिक्स ग्राउंड बनाए जाने के लिए 2016 में टेंडर निकाला था। इस टेंडर के तहत ग्वालियर की लक्ष्मी एंड कंपनी को काम मिला था। टेंडर मुताबिक वर्ष 2018 मार्च तक पूरा काम कंपलीट करने की शर्त रखी गई थी लेकिन यह समय निकल गया और अभी परिसर में एथलेटिक्स ग्राउंड बनाए जाने का काम चल रहा है। इस लेटलतीफी के कारण निर्माणाधीन भवन देखरेख के अभाव में अनुपयोगी साबित हो रहे हैं।
फैक्ट फाइल
्- 11 करोड़ में बनाया जाना है खेल परिसर
- एक इंडोर स्टेडियम, एथलेटिक्स ग्राउंड और स्टाफ क्वार्टर बनाए जाना टेंडर में थे
- 2016 में हुआ था खेल परिसर बनाए जाने का टेंडर
- 2018 मार्च तक होना था निर्माण कार्य पूरा
इनका कहना है
हम खेल परिसर में सभी निर्माण कार्य पूरे होना का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए इंडोर स्टेडियम को हैंडओवर नहीं किया है।
एमपी पिपरैया, प्रभारी सहायक, आदिमजाति कल्याण विभाग, श्योपुर
वर्सन
हैंडओवर के कागजात दे चुके हैं, लेकिन आदिम जाति कल्याण विभाग का कहना है कि खेल परिसर में सभी कार्य पूरे होने पर ही वह हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी करेंगे। वहीं रही बात इंडोर स्टेडियम भवन में दरारों की तो निरीक्षण कर स्थिति का आंकलन करेंगे।
विपिन सोनकर, कार्यपालन यंत्री, पीआईयू, श्योपुर