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थैलेसीमिया पीडि़त आयुष की जान बचाने 40 लाख की जरूरत

जिले के बदरवास स्थित अटलपुर निवासी एक 6 साल का बच्चा कुछ सालों से थैलीसीमिया बीमारी से पीडि़त है।

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थैलेसीमिया पीडि़त आयुष की जान बचाने 40 लाख की जरूरत

थैलेसीमिया पीडि़त आयुष की जान बचाने 40 लाख की जरूरत

बदरवास(शिवपुरी). जिले के बदरवास स्थित अटलपुर निवासी एक 6 साल का बच्चा कुछ सालों से थैलीसीमिया बीमारी से पीडि़त है। अभी तक परिजन खुद का पैसा व लोगों से ले देकर 10 लाख रुपए खर्च कर चुके है, लेकिन डॉक्टरों की माने तो अभी उसके इलाज में करीब 40 लाख रुपए की और जरूरत है। इधर परिवार की आर्थिक हालत खराब होने के फेर में वह काफी परेशान है और अब वह हर व्यक्ति को मदद की आस से देख रहा है। थैलेसीमिया से पीडि़त मासूम बालक की जान बचाने के लिए परिवार ने आमजन से मदद की गुहार लगाई है। अटलपुर निवासी अशोक ङ्क्षसह धाकड़ ने बताया कि उसका 6 साल का बेटा आयुष को 5 साल से थैलीसीमिया बीमारी से ग्रसित है। बेटे की बीमारी पर अभी तक वह करीब 10 लाख रुपए कर्जा करके लगा चुके है। अशोक का आयुष एकलौता बेटा व उसकी तीन बेटी है। अब डॉक्टर ने दिल्ली में ऑपरेशन के लिए कहा है और उसका खर्च करीब 40 लाख रुपए बताया है। अशोक का कहना है कि मैं खुद को भी बेच दूं् तो इतना पैसा एकत्रित नहीं कर सकता।
अभी गुना के डॉक्टर का चल रहा इलाज: आयुष का इलाज गुना के डॉक्टर मनीष जैन के यहां चल रहा है। आयुष के इलाज में उसको हर महीने 300 एमएम ब्लड की जरूरत पड़ती हैं। वह ब्लड भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है। अशोक का कहना है कि वह अपने बेटे की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश करेगा और हार नहींं मानेगा।


जनप्रतिनिधि व अफसरों ने नहीं की मदद : अशोक ने बताया कि वह अपने बेटे के इलाज के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन के कई अधिकारियों को आवेदन देकर मदद की गुहार लगा चुका है, पर अभी तक किसी ने मदद नहीं की। ऐसे में अशोक को अब आमजन से ही उम्मीद है कि अगर सभी लोग मिलकर उसकी मदद करें तो उसके बेटे को नया जन्म मिल सकता है। मदद के लिए अशोक ने अपना बैंक खाता व फोन पे नंबर भी जारी किया है।


आनुवांशिक रक्त विकार बीमारी है थैलेसीमिया
डॉक्टरों के मुताबिक थैलेसीमिया एक आनुवंाशिक रक्त विकार बीमारी है। यह बीमारी अधिकांश माता पिता से उनके बच्चों को मिलती है। इस बीमारी के होने पर शरीर में हीमोग्लोबिन बनने की प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है। इससे व्यक्ति की धीरे-धीरे मौत तक हो जाती है। इस बीमारी के कारण हर माह एक यूनिट ब्लड संबंधित व्यक्ति को लगता है।