
शिवपुरी. जिला अस्पताल शिवपुरी में मौजूद सभी ऑपरेशन थियेटर में लिए गए सैंपल की जांच में इन्फेक्शन पाया गया। यह जांच रिपोर्ट जीआर मेडिकल कॉलेज ग्वालियर के माइक्रो बायलॉजी डिपार्टमेंट ने भेजने के साथ ही 48 घंटे में पुन: सैंपल भेजने के निर्देश दिए। वहीं सिविल सर्जन का कहना है कि रिपोर्ट में इन्फेक्शन नहीं पाया गया, पहले सैंपल ठीक तरह से नहीं लिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे ही विभाग के कुछ लोग माहौल बिगाडऩे का प्रयास कर रहे हैं।
माइक्रो बायलॉजी डिपार्टमेंट ग्वालियर ने बुधवार 7 फरवरी को भेजी गई अपनी जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि ट्रॉॅमा सेंटर के ऑपरेशन थियेटर (ओटी), नेत्र विभाग की ओटी, लेवर रूम (प्रसूता वार्ड) की तीन ओटी सहित एसएनसीयू की आउट बोर्न यूनिट एवं इन बोर्न यूनिट के अलावा डायलिसिस यूनिट में भी जांच उपरांत इन्फेक्शन पाया गया। सिविल सर्जन को भेजे पत्र में यह उल्लेख किया है जांच रिपोर्ट से प्रमाणित हो रहा है कि आपके अधीन सभी ओटी ट्रॉमा आदि में इन्फेक्शन है, अर्थात इन्फेक्शन की दृष्टि से सुरक्षित नहीं है। इसलिए आपको निर्देशित किया जाता है कि व्यक्तिगत रुचि लेकर इन्फेक्शन दूर करने हेतु डिसइनफेक्टेड कर सैंपल भिजवाकर रिपोर्ट मंगवाएं।
सिविल सर्जन डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि हम तो हर दूसरे महीने में अपने अस्पताल की सभी ओटी का सैंपल जांच के लिए भेजते हैं। इस बार भी जांच रिपोर्ट में इन्फेक्शन नहीं आया, बल्कि उन्होंने दूसरी बार सैंपल मंगवाया है। पूर्व में भेजे गए सैंपल में कुछ कमी रह गई, लेकिन किसी में भी वैक्टीरिया आदि की मौजूदगी नहीं पाई गई, तो उसे इन्फेक्शन नहीं कह सकते। साथ ही सीएस ने यह भी कहा कि जो जांच रिपोर्ट हमारे पास आनी थी, वो लिफाफा गलती से सीएमएचओ कार्यालय चला गया। बकौल डॉ. सिंह, हमारे ही विभाग के कुछ लोग अस्पताल के माहौल को बिगाडऩा चाहते हैं।
गंदा पानी पीने को मजबूर शहरवासी
शिवपुरी. अल्पवर्षा के चलते शहर में अभी से पानी का संकट गहराने लगा है। प्राइवेट टैंकरों की अभी से इतनी मांग बढ़ गई कि बुकिंग के 4 से 6 घंटे बाद ही पानी पैसे देकर मिल पा रहा है। ऐसे में ग्वालियर बायपास पर बनाए गए जलावर्धन प्रोजेक्ट के जंक्शन (जहां से पूरे शहर को पानी डिस्ट्रीब्यूट होगा) में से निकल रहे पानी से लोग कट्टियां भर रहे हैं। हर दिन दो घंटे पंप चलाने पर जब यहां से पानी बहता है, तो फिर बच्चों से लेकर बड़े तक खाली कट्टियां लेकर दौड़ पड़ते हैं। यह वो जगह है, जहां से होकर आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी भारी व यात्री वाहन गुजरते हैं। दोशियान ने अभी तक शहर की चार टंकियां जोडऩे का दावा किया है, जबकि मनियर टोल नाका टंकी में अतिक्रमण रुकावट बन रहे हैं, जिसे प्रशासन हटवा रहा है।
गौरतलब है कि जलावर्धन प्रोजेक्ट का जंक्शन ग्वालियर बायपास पर बनाया गया है, जहां से कलश भरकर शहर में से जलाभिषेक यात्रा निकाली गई थी। वहां पर पानी की लाइनें अलग-अलग दिशाओं में वितरित हुई हैं, इसलिए वहां पर कुछ लीकेज अभी हैं। पाइप लाइन की टेस्टिंग व टंकियों तक पानी पहुंचाने के लिए हर दिन पंप चलाकर सप्लाई दी जाती है। जिसके चलते जंक्शन पर पानी की रफ्तार अधिक होने से वहां होने वाले लीकेज से लोग अपनी खाली कट्टियां भर लेते हैं। बायपास सहित आसपास के रहने वाले लोग इस बात से ही खुश हैं कि चलो पानी तो मिल रहा है। चूंकि अभी फिल्टर प्लांट पर जल शोधन का काम शुरू नहीं किया गया, इसलिए डैम का पानी इंटेकबेल से होकर जैसा आ रहा है, वैसा ही शहर की मुख्य पाइप लाइन में आ रहा है। यह पानी भले ही फिल्टर नहीं है, लेकिन अन्य कार्यों में उपयोग तो किया जा सकता है। हालांकि दोशियान के सुपरवाइजर कह रहे हैं कि अब तो पानी उतना गंदा न होकर साफ आ रहा है।
Published on:
11 Feb 2018 04:30 pm
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