शिवपुरी

आदमखोर सियार का आतंक, दो मासूम भाई-बहन पर किया जानलेवा हमला, दादा और पिता भी बचाने में घायल

Jackal Terror : घर में खेल रहे बहन-भाई पर आदमखोर सियार ने जानलेवा हमला किया है। बच्चों को बचाने आए पिता और दादा को भी काट लिया। फिलहाल, दोनों बच्चों के साथ दादा को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि पिता बदरवाससिविल अस्पताल में भर्ती है।

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संजीव जाट की रिपोर्ट

Jackal Terror :मध्य प्रदेश के शिवपुरी के अंतर्गत आने वाली बदरवास तहसील के ग्राम बरखेड़ा में इन दिनों लोग आदमखोर सियार की दहशत में जी रहे हैं। आलम ये है कि, यहां लोग अपने घरों में भी उस सियार से सुरक्षित नहीं हैं। बुधवार को अपने घर के आंगन में खेल रहे दो मासूम भाई-बहन पर अचानक उसी आदमखोर सियार ने हमला कर दिया। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर उन्हें बचाने आए पिता और दादा को भी सियार ने काटा है, जिससे उन्हें भी गहरी चोटें आई हैं। आवाजें सुनकर आसपास के लोग इकट्ठे हुए तो सियार पास के जंगल में भाग गया। फिलहाल, चारों घायलों को इलाज के लिए बदरवास अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

बताया जा रहा है कि, बरखेड़ा में रहने वाले 4 वर्षीय आकाश जाटव और उसकी छोटी बहन 2 वर्षीय मीनाक्षी घर के आंगन में खेल रहे थे। तभी घर की पाटौर पर से एक सियार नीचे कूदा और दोनों बच्चों पर हमला कर दिया। हमने में सियार ने दोनों बच्चों के चेहरों पर गहरे घाव किए। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर पिता जगदीश और दादा लटूरा मौके पर पहुंचे तो उन्होंने सियार को भगाने का प्रयास किया, लेकिन सियार ने उन दोनों पर भी अटैक कर दिया। बाद में हंगामा सुनकर आसपास के इकट्ठे हुए तो भीड़ देखकर सियार मौके से भाग निकला।

कई मवेशियों को बना चुका है शिकार

दोनों घायल बच्चों और दादा को डायल 100 से इलाज के लिए पहले बदरवास फिर जिला अस्पताल लाया गया है। बताया जा रहा है कि, ये सियार पहले भी गांव के कुछ मवेशियों पर हमला कर उनका शिकार कर चुका है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने वन विभाग को की है, लेकिन वन विभाग ने अभी तक इस सियार को पकड़ने की कार्रवाई नहीं की। आज अगर घर में बच्चों के पिता और दादा न होते तो संभवत : बच्चों के साथ कोई अनहोनी घटना हो सकती थी।

ग्रामीणों में दहशत

ग्राम बरखेड़ा की जाटव बस्ती में आए दिन सियार के हमलों की घटनाएं हो रही है। इस घटना के बाद तो ग्रामीण और ज्यादा दहशत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, उनकी फसलें खेत में कटने को खड़ी हैं, लेकिन डर और दहशत के मारे अकसर लोग अपने खेतों पर नही जा पा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि, वो इस मामले में कई बार वन विभाग के अधिकारियों को सूचित कर चुके हैं, लेकिन कोई जिम्मेदार उनकी गुहार को गंभीरत से नहीं ले रहा है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

-दोनों बच्चों के साथ दादा जिला अस्पताल रेफर

इस संबंध में बदरवास बीएमओ डॉ. चैतन्य कुशवाह का कहना है कि, मामला गंभीर है। चूंकि दोनों बच्चों के आंखो के आसपास ही गहरें जख्म हैं, इसलिए बेहतर इलाज के लिए दोनों बच्चों और उनके दादा को इलाज के लिए जिला अस्पताल रैफर किया गया है। बाकी सभी का प्राथमिक इलाज किया जा चुका है।

-जल्द शुरु होगा रेस्क्यू ऑपरेशन

वहीं, बदरवास वन परिक्षेत्र अधिकारी रवि पटेलिया का कहना है कि, आपके जरिए ही मामले की जानकारी लगी है। मामला गंभीर है। हम हर घायल को एक-एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता देते हैं और आगे जो मदद होगी, वो भी पीड़ित परिवार की करेंगे। इसके अलावा बरखेड़ा में टीम भेजकर उस सियार को पकड़ने की कार्रवाई करवाते हैं।

Published on:
20 Mar 2025 11:20 am
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