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सूखे ट्यूबवेलों में आठ करोड़ खर्च करने की तैयारी

जनता पानी के लिए परेशान, कमीशनखोरी में जुटे नपा के जिम्मेदार

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शिवपुरी. शहर में नगरपालिका के लगभग 500 ट्यूबवेल हैं, जो अल्पवर्षा के चलते इस बार फरवरी में ही दम तोडऩे लगे हैं। एक तरफ तो बोर सूख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बोर में लगने वाली मोटर सहित अन्य सामग्री के नाम पर करोड़ों रुपए की खरीदी करने की तैयारी कर ली गई। इन सबके बीच जब नपा में डुप्लीकेट मोटर भेजी गईं, तो पेयजल प्रभारी ने उन्हें वापस करवा दिया। चूंकि अब डुप्लीकेट माल सप्लाई नहीं हो पा रहा है, इसलिए वो फर्म नपा में कोई भी सामान नहीं दे रही। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक तरफ जहां शहर की जनता पानी के लिए यहां-वहां भटक रही है, वहीं दूसरी ओर पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संभालने वाली नगरपालिका में कमीशनखोरी के चलते पानी के नाम पर करोड़ों का बजट ठिकाने की तैयारी कर रहे हैं।
सूख रहे बोर तो फिर कहां खप रहा सामान...?
शहर में मौजूद नगरपालिका के ट्यूबवेल यूं तो मार्च-अप्रैल तक पानी देते थे, लेकिन इस बार अल्पवर्षा के चलते फरवरी में ही आधे बोर सूख गए तथा जिनमें पानी आ रहा है, वो भी इतना कम हो गया कि उन्हें मौके पर ही खोल दिया गया। अब बड़ा सवाल यह है कि एक तरफ जहां बोर सूखते जा रहे हैं और जिनमें पानी खत्म हो गया, उसकी मोटर, पाइप व केसिंग आदि का इस्तेमाल दूसरे उन बोर में किया जा सकता है, जिनमें पानी है तथा उनकी मोटर आदि यदि फुंकती हैं, तो उनमें सूखे बोर की चालू मोटर डाली जा सकती हैं। फिर यह करोड़ों की सामग्री खरीदने की जरूरत क्यों पड़ रही है..?।
ऐसे समझें पूरा खेल
नगरपालिका की बैठक में विरोध के बावजूद एजेंडे को पास किया गया, जिसमें ट्यूबवेल-मोटर से संबंधित 5 करोड़ रुपए की सामग्री खरीदने के मुद्दे को भी स्वीकृत कर लिया गया। इस खरीदी की आड़ में न केवल डुप्लीकेट मोटरें सप्लाई की जाती रहीं, बल्कि पाइप, केसिंग में भी बड़ा घोटाला किया जाता रहा। चूंकि अभी तक पीएचई से आयातित उपयंत्री ही पेयजल प्रभारी रहे, इसलिए सप्लाई का यह गोरखधंधा बिना किसी शिकवे-शिकायत के चलता रहा। लेकिन इस बार नपा के एई को पेयजल प्रभारी बनाया तो होने वाली गड़बड़ी पहली बार में ही सामने आ गई।
उपाध्यक्ष ने परिषद में दी सलाह, फिर भी की मनमानी
इतनी बड़ी राशि की सामग्री खरीदने की बजाय, किश्तों में सामान मंगवाने की सलाह परिषद की बैठक में उपाध्यक्ष अनिल शर्मा व भाजपा पार्षद भानू दुबे ने भी दी थी। लेकिन करोड़ों के बजट को ठिकाने लगाने वाले रैकेट में शामिल कुछ लोगों ने इसे जान बूझकर अनसुना कर दिया, ताकि एजेंडे में शामिल खरीदी का मुद्दा पास किया जा सके।
सात मोटरें कीं वापस
नगरपालिका में सामग्री सप्लाई करने का ठेका लेने वाली फर्म ने हर बार की तरह इस बार भी पानी की सात मोटर भेजीं। पेयजल प्रभारी ने जब इन मोटरों को देखा तो वो उस कंपनी की नहीं थीं, जो कागजों में बताई गईं। डुप्लीकेट मोटर देखते ही एई व पेयजल प्रभारी ने उन्हें वापस कर दिया। जैसे ही माल वापस आया तो फर्म को समझ आ गया कि अब डुप्लीकेसी नहीं चलेगी। जिसके चलते उसने अंतिम चेतावनी पत्र देने के बाद भी सप्लाई नहीं दी। जरूरत के वक्त सामान न देने की वजह से उस फर्म को निरस्त करने के लिए पेयजल प्रभारी ने पत्र जारी कर दिया।
अब स्टोर से जारी होगा हर सामान
कुछ दिन पहले जो मोटर नगरपालिका में आईं, वो डुप्लीकेट होने की वजह से हमने वापस करवा दी। एक तरफ बोर भी पानी न होने से बंद हो रहे हैं, तो फिर सामान की मांग कम होनी चाहिए। हम पता करवा रहे हैं कि कहां क्या जरूरत है। अंतिम चेतावनी पत्र देने के बाद भी सामान न भेजने पर फर्म को निरस्त करने के लिए हमने सीएमओ को पत्र दे दिया है।
आरडी शर्मा, एई व पेयजल प्रभारी नपा शिवपुरी