
शिवपुरी. आज के समय में जहां बेटियां आए दिन सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही हैं, वहां अभी भी लोग बेटे की चाह इतनी प्रबल है कि लोग अपनी जिंदगी तक की परवाह नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला आज जिला अस्पताल में सामने आया जहां बेटे की चाह में सातवी बार गर्भवती हुई छह बेटियों की मां को हालत बिगडऩे पर उसके परिजन जिंदगी और मौत के बीच जूझते हुए अस्पताल में छोड़ कर भाग गए।
जानकारी के अनुसार मनीयर फतेहपुर निवासी नफीसा पत्नी इशाद खान उम्र ४० साल ने बेटे की चाह में शादी के बाद एक एक कर छह बेटियों को जन्म दिया। इस दौरान वह शारीरिक रूप से बेहद दुर्बल हो गई परंतु इसके बावजूद उसकी और उसके पति की बेटे के माता पिता बनने की इच्छा समाप्त नहीं हुई और वह सातवीं बार गर्भवती हो गई। आठ माह की गर्भवती नफीसा की कल अचानक तबीयत खराब हो गई और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। नफीसा के परीक्षणों के दौरान उसके शरीर मे हीमोग्लोबिन सिर्फ ५.६ ग्राम निकला और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था। नफीसा को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया, मंगलवार की सुबह उसे अचनाक फीट्स (झटके) आना शुरू हो गए। प्रसूता को मेटरनिटी विंग के स्टाफ ने तत्काल लेबर रूम में लिया और उसका चेकअप कर यह निर्णय लिया कि महिला को इलाज के लिए ग्वालियर रैफर कर दिया जाए। चिकित्सकीय स्टाफ ने जब नफीसा के परिजनों की तलाश शुरू की तो पता चला कि उसकी मां और पति उसे अस्पताल में अकेला छोड़ कर कहीं चले गए। बमुश्किल अस्पताल प्रबंधन ने पता किया कि उसकी मां शारदा मंगलम में काम करती है, तो उसे एक घंटे की मशक्कत के बाद बुलवाया गया। डॉक्टरों ने नफीसा की मां और पति को बताया कि नफीसा को इलाज के लिए ग्वालियर ले जाना पड़ेगा तो वह उसे ग्वालियर ले जाने की बजाय पर्चे पर यह लिख कर घर ले गए कि नफीसा की जिंदगी और मौत के लिए वह जिम्मेदार होंगे। पत्रिका से बात करते हुए नफीसा की मां शारदा ने स्वीकार किया कि उसकी बेटी बेटे की चाह में सातवीं बार गर्भवती हुई है।
Published on:
13 Feb 2018 11:15 pm
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