
शिवपुरी । Shivpuri
एक ओर जहां मध्यप्रदेश में जल्द होने वाले नगरीय निकाय चुनावों को लेकर गहमागहमी शुरु हो गई है। वहीं दूसरी ओर नगरपालिका शिवपुरी इतने कर्जे में डूब गई कि अब उसके पास पेट्रोल-डीजल का कर्जा तक चुका पाने की स्थिति बन गई है। उधारी के पेट्रोल से दिन काट रही इस नगर पालिका के लिए कर्ज की समस्या इतनी बढ़ गई है कि अब उसके सामने पेट्रोल पंप बदलने तक की नौबत आ गई।
दरअसल नगरपालिका के उपर पुलिस पेट्रोल पंप की 15 लाख की उधारी हो गई है, ऐसे में अब नगरपालिका नकद में डीजल-पेट्रोल बायपास रोड पर स्थित गिर्राज पेट्रोल पंप से भरवाने लगी है। उधर पुलिस महकमे के रक्षित निरीक्षक का कहना है कि नगरपालिका को हमारी उधारी चुकानी होगी, वरना गाड़ी खड़ी करवा देंगे।
यानि जहां नगरपालिका पर उधारी अधिक हो गई तो उसने जिस को उधारी चुकानी है उस पेट्रोल पंप को छोडक़र दूसरे से पेट्रोल भरवाना शुरू कर दिया, ताकि कर्जा न देना पड़े।
गौरतलब है कि पिछले दिनों उधारी न देने की वजह से जब नगरपालिका के वाहनों को पुलिस पेट्रोल पंप ने जब डीजल-पेट्रोल देने से मना कर दिया था, तो चार दिन तक नपा के वाहन खड़े हो गए थे। इस दौरान कलेक्टर भी एक दिन सुबह जब नपा कार्यालय पहुंचे थे तो वाहन स्टाफ ने उन्हें अपनी समस्या बताई थी। उ
सके बाद वाहनों का संचालन शुरू हो गया, लेकिन उनमें डाला जाने वाला-डीजल-पेट्रोल पुलिस पेट्रोल पंप से न लेकर नगद राशि जमा करके गिर्राज पेट्रोल पंप बायपास से भरवाया जा रहा है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस पंप से अब नपा के वाहन डीजल ले रहे हैं, उसकी भी पिछले महीनों तक में 1 करोड़ की उधारी हो गई थी।
लेकिन उसमें से अधिकांश राशि नपा ने पिछले महीनों में जमा करवा दी, तब वो पंप संचालक डीजल-पेट्रोल देने को तैयार हुआ, लेकिन उसने भी शर्त रखी है कि नगद के बाद ही माल देगा। नपा में संचालित वाहनों का स्टाफ भी देख रहा है कि कब तक हमारे वाहन नकद के डीजल से चल सकेंगे।
स्वच्छता के नाम पर लगाया बजट ठिकाने
नगरपालिका शिवपुरी ने एक बड़ा बजट स्वच्छता के नाम पर ठिकाने लगा दिया, बावजूद इसके शहर गंदा ही रह गया। मंत्री से लेकर अधिकारियों तक ने शहर को स्वच्छ बनाए जाने के निर्देश दिए।
धरातल पर काम करने की बजाय नपा के जिम्मेदारों ने बैनर-होर्डिंग सहित अन्य कार्यों में एक भारी-भरकम बजट ठिकाने लगा दिया। स्वच्छता के नाम पर बड़ी राशि खर्च करने की वजह से ही नगरपालिका की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि डीजल-पेट्रोल की उधारी न चुका पाने की वजह से अब पेट्रोल पंप बदलने को मजबूर हैं।
1 करोड़ तक हो गया था
हमारे पेट्रोल पंप का पिछले अप्रैल से लेकर पिछले महीनों तक नगरपालिका पर 1 करोड़ रुपए का कर्जा हो गया था। पिछले महीनों में धीरे-धीरे करके भुगतान किया है, फिर भी अभी लगभग 3 लाख रुपए की राशि नपा पर बकाया है।
- भानू, मैनेजर, गिर्राज पेट्रोल पंप
ऐसे नहीं चलने देंगे
हमारे पंप का लगभग 15 लाख रुपए नपा पर बकाया है। हमारे पास इतनी पूंजी नहीं है कि इतनी उधारी कर सकें, यदि हर सप्ताह राशि देते रहें, तो यह स्थिति नहीं बनेगी। यदि हमारा कर्जा चुकाए बिना दूसरी जगह से डीजल-पेट्रोल ले रहे हैं, तो मैं सीएमओ से बात करूंगा।
- भारत सिंह, रक्षित निरीक्षक शिवपुरी
उधारी तो चुकानी पड़ेगी
जब मैं नपा कार्यालय गया था तो उसके अगले दिन से वाहन चलने लगे थे। डीजल-पेट्रोल यदि लिया है तो उसकी उधारी तो नपा को चुकानी पड़ेगी, ऐसा नहीं होता कि उधारी छोड़कर पंप बदल दो।
- अक्षय कुमार सिंह, प्रशासक नगर पालिका व कलेक्टर
Published on:
30 May 2022 05:17 pm
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