खाटूश्यामजी. आस्था की बहार और हर तरफ जयकारे लगाते भक्त। लखदातार की महज एक झलक पाने के लिए बेताब है भक्तो का रैला। लखदातार की जय, श्याम प्यारे की जय ओर हारे के सहारे बाबा श्याम का जयकार करते श्रद्धालु बाबा श्याम के दरबार में बढ़ रहे है । श्याम सरकार की एक झलक पाने को देश के कोने कोने से आए लाखों भक्त श्याम को शीश नवाने आए है । कोई पैदल चलकर तो कोई पेट के बल बाबा के हाजिरी लगाने पहुंचा है । रींगस रोड़ के प्रवेश द्वार से मंदिर के सामने दर्शनार्थियों की लम्बी कतारें लगी हुई है ।
खाटूश्यामजी. आस्था की बहार और हर तरफ जयकारे लगाते भक्त। लखदातार की महज एक झलक पाने के लिए बेताब है भक्तो का रैला। लखदातार की जय, श्याम प्यारे की जय ओर हारे के सहारे बाबा श्याम का जयकार करते श्रद्धालु बाबा श्याम के दरबार में बढ़ रहे है । श्याम सरकार की एक झलक पाने को देश के कोने कोने से आए लाखों भक्त श्याम को शीश नवाने आए है । कोई पैदल चलकर तो कोई पेट के बल बाबा के हाजिरी लगाने पहुंचा है । रींगस रोड़ के प्रवेश द्वार से मंदिर के सामने दर्शनार्थियों की लम्बी कतारें लगी हुई है । सोमवार को अष्टमी के दिन दूर दराज के गांवो और शहरों से पहुंचे दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने कुल देवता व आराध्य देव श्री श्याम के दरबार में मत्था टेककर मनौति मांगी।
सडक़ किनारे लगा डेरा
खाटू कस्बे में बड़ी संख्या में पदयात्रा कर आए थके-हारे श्रद्धालु भंडारों के पांडाल में कुछ देर लेटकर अपनी थकान मिटाते नजर आ रहे है। रींगस रोड पर सडक़ किनारे पर लगे छोटे-बड़े भंडारों के टेंट में छोटे से लेकर बड़ी उम्र तक का श्रद्धालु सैंकड़ो से बाहर से आई महिलाएं खाना बनाते व बाबा श्याम की भक्ति में रंगी नजर आ रही है। लक्खी मेले के कारण भक्तों की भीड़ के कारण सभी धर्मशालाओं में कमरे बुक हो चुके है। कई श्रद्धालु सडक़ किनारो पर ही टेंट लगाकर बैठ गए है।
ढोल तासों पर नाचते गाते पहुंचे रहे है भक्त
बाबा श्याम का मेला अब पूरे परवान पर नजर आने लगा है और जिधर देखो उधर भक्तों का रेला ही रेला नजर आ रहा है। इस दौरान जगह जगह भक्त ढोल तासों पर नाचते गाते झुमते नजर आ रहे है। बच्चे हो या बुढ़े या फिर जवान हर कोई बाबा श्याम के रंग में रंगा नजर आ रहा है और श्याम के भजन कानों में पड़ते ही अपने आपको झूमने से रोके राक ना पा रहा है।
मेला ही बड़ा उत्सव
श्याम भक्तों के लिए बाबा श्याम का मेला किसी त्यौंहार से भी बढक़र है। कोलकाता, मुम्बई, दिल्ली, जयपुर, बंगलौर, अहमदाबाद, आसाम, बिहार, पंजाब, हरियाणा सहित देश के कोने कोने से आने वाले श्यामभक्तों को श्याम फाल्गुन मेले का बेसर्ब्री से इंतजार रहता है। कई माह पहले ही खाटू आने की तैयारियां शुरू कर देते है। एक ही शहर में रहकर पूरे वर्षभर आपस नहीं मिलने वाले सभी लोग श्याम मेले में अवश्य मिलते है। शहरों में काम की व्यस्तता सभी को रहती है मगर बाबा के दरबार में भक्त प्रेम से मिलते है।
भंडारों में फाइव स्टार होटलों जैसा स्वाद
भंडारों में किसी बड़े रेस्टोरेन्ट से अधिक खाने की वस्तुएं है। मीठा, नमकीन, चाट, पकोड़ी, पाव भाजी, पुचका, चाऊमीन, इडली डोसा, शीतल पेय, बर्फ का गोला, पॉपकार्न आदि के साथ ही पद यात्रियों के लिए भंडारों में चिकित्सा की निशुल्क व्यवस्था है। वहीं सभी तरह के मोबाइल चार्च किए जाने की व्यवस्था भी कर रखी है। सेवा भी ऐसी की कि किसी फाइव स्टार होटल में पैसे देकर भी नही मिले।