खेल मंत्रालय से सम्बद्ध खेलों के खिलाडिय़ों की बदले नियमों से टूटी रही आसखिलाडिय़ों का आरोप: चहेते खेल संगठनों को फायदा पहुंचाने के लिए बदले नियमपत्रिका स्पॉटलाइट स्टोरी
अजय शर्मा. सीकर.
खेल कोटे के नाम पर राज्य सरकार खिलाडिय़ों से छलावा करने पर तुली है। पिछले साल सरकार के खेल कोटे के गुपचुप तरीके से बदले हुए नियमों से प्रदेश के पांच हजार से अधिक खिलाड़ी अभी भी परेशान हैं। खिलाड़ी योग्य होते हुए भी नौकरी से बाहर का रास्ता देखने पर मजबूर है। दूसरी तरफ सरकार की ओर से आउट ऑफ टर्न के जरिए 400 से अधिक खिलाडिय़ों को नौकरी देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन खेल मंत्रालय से सम्बद्ध खेल संगठनों की नौकरी की राह नहीं खोली जा रही है। चुनावी साल में सरकार की ओर से खिलाडिय़ों की पीड़ा कई बार मुख्यमंत्री से लेकर खेल मंत्री ने सुन ली। लेकिन खिलाडिय़ों को राहत अभी तक नहीं मिली है। अब खेल मंत्रालय से सम्बद्ध खेल संगठनों के खिलाडिय़ों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। खिलाडिय़ों का आरोप है कि चहेते खेल संगठनों को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ अधिकारियों शह पर नियमों में बदलाव किया गया। दूसरी तरफ केन्द्र सरकार की ओर खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त के 64 खेलों के खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरियों में दो फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। लेकिन राज्य सरकार इन खेलों के खिलाडिय़ों को तरहीज नहीं दी रही है।
खिलाडिय़ों का दर्द: नहीं बदले नियम तो एक लाख भर्तियों में नुकसान
केस एक: चयन के बाद भी नहीं मिली नौकरी
सीकर निवासी खिलाड़ी प्रिया ने बताया कि उसने 2022 की रीट भर्ती में द्वितीय लेवल से आवेदन किया था। खेल कोटे में चयन भी हो गया। लेकिन खिलाडिय़ों ने ओलम्पिक संघ की सूची में उनके खेल के शामिल नहीं होने पर बाहर कर दिया। इस साल फिर तैयारी में जुटी है। यदि सरकार ने अब भी नियम नहीं बदले तो फिर खिलाडिय़ों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
केस दो: ग्राम विकास अधिकारी में 60 बाहर
ग्राम विकास अधिकारी में भी 60 से अधिक खिलाड़ी भी नियमों के पेंच की वजह से बाहर हो गए। खिलाडिय़ों का कहना है कि सरकार को नियमों में इस साल बदलना चाहिए। खेल कोटे से आवेदन करने वाले राजेन्द्र मीणा ने बताया कि चुनावी साल में एक लाख से अधिक पदों पर भर्तियां होनी है। इन भर्तियों में मौका नहीं मिलने पर ओवरएज हो जाएंगे।
यह है विवाद: सिर्फ ओलम्पिक संघ से सम्बद्ध खेलों को तरहीज
पिछले साल कार्मिक विभाग ने सरकारी भर्तियों में दो फीसदी खेल कोटे के आरक्षण के नियमों में बदलाव किया था। वर्ष 2022 तक जहां खेल मंत्रालय व ओलम्पिक संघ से सम्बद्ध खेलों के खिलाडिय़ों का आरक्षण का फायदा दिया जा रहा था। लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के दौरान सरकार ने सिर्फ ओलम्पिक खेलों से जुड़े खिलाडिय़ों को ही इस दायरे में लाने का फरमान जारी किया।
अन्य राज्यों में ऐसे मिल रही खिलाडिय़ो को राहत...
हरियाणा: दोनों तरह के खेल शामिल
हरियाणा में ओलम्पिक व मंत्रालय वाले खेलों के खिलाडिय़ों को नौकरी में प्राथमिकता दी जा रही है। यहां की सरकार पहले ओलम्पिक संघ से सम्बद्ध खेलों के खिलाडिय़ों का चयन करती है। पद रिक्त रहने की स्थिति में मंत्रालय से सम्बद्धता प्राप्त खेल संगठनों के खिलाडिय़ों को नौकरियों में शामिल किया जाता है। राजस्थान में यह फॉर्मूला अपनाया जाता है तो पांच हजार खिलाडिय़ों को फायदा मिल सकता है।
दिल्ली, पंजाब व केरल: खिलाडिय़ों को सीधी नौकरी में भी मौके
पंजाब में आउट ऑफ टर्न के पद खाली रहने पर अन्य श्रेणी के खिलाडिय़ों को फायदा दिया गया। इसी तरह दिल्ली व केरल सहित अन्य राज्यों में भी ओलम्पिक व मंत्रालय से सम्बद्ध खेलों के खिलाडिय़ों को फायदा दिया जा रहा है।