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 किसानों को मिलेगी राहत: फसल के साथ सब्जियों का करवा सकेंगे बीमा

सीकर. प्रतिकूल मौसम में खेती करने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है। रबी सीजन की फसलों के साथ अब सब्जियां भी बीमा के दायरे में ले सकेंगे। किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में सीकर जिले में रबी सीजन में फूलगोभी, प्याज, मटर, टमाटर, तरबूज की फसल को बीमा के दायरे में शामिल किया है।

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सीकर. प्रतिकूल मौसम में खेती करने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है। रबी सीजन की फसलों के साथ अब सब्जियां भी बीमा के दायरे में ले सकेंगे। किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में सीकर जिले में रबी सीजन में फूलगोभी, प्याज, मटर, टमाटर, तरबूज की फसल को बीमा के दायरे में शामिल किया है। जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रीमियम पर अधिकांश हिस्सा रूप में देंगी, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ काफी कम होगा। खेतों में बंटाई पर काम करने वाले किसान भी खुद के जिले में ही अपनी फसल को बीमा के दायरे में ला सकेंगे। फसली लोन लेने वाले किसानों की ओर से बैंक में दी गई सूचना के अनुसार किसानों के खाते से फसल बीमा की तर्ज पर प्रीमियम की राशि स्वत कट जाएगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना के लिए एक दिसम्बर से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। योजना में किसान अपनी फसल 31 दिसंबर करवा सकेंगे।

इस तरह मिलेगा लाभ

किसान को फसल बीमा करवाने से पहले से बोई गई फसलों की सूचना संबंधित बैंक में जमा करवाना होगा। जिसके आधार पर बैंक ऋणी किसानों का प्रीमियम अनिवार्य रूप से प्रीमियम काटकर बीमा कंपनी को भेजेगी। जो ऋणी किसान फसल बीमा योजना से अलग रहना चाहता है तो उस किसान को संबंधित बैंक शाखा में 24 दिसंबर तक ऑप्टआउट का लिखित में फार्म भरकर जमा करवा सकते हैं। बुवाई की गई फसल में बदलाव करने की अंतिम तिथि 29 दिसंबर है। योजना के तहत किसान से प्रीमियम का पांच प्रतिशत लिया जाएगा। शेष प्रीमियम का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा। गौरतलब है कि सीकर जिले में औसतन पचास हजार से ज्यादा किसान सीधे तौर पर केवल सब्जियों के उत्पादन कार्य से जुड़े हुए हैं। जिले के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया गया है।

यूं होगा नुकसान का आकलन

ओलावृष्टि, अधिक/कम वर्षा, पाला, तापमान उतार-चढ़ाव जैसे मौसमीय जोखिमों से सुरक्षा के लिए पटवार सर्किल पर लगे स्वचालित मौसम केन्द्रों से डेटा लिए जाएंगे। इन डेटा के आधार पर सीधे मुआवजा किसानों के खातों में जाएगा। समय पर मुआवजा मिलने से किसानों को आर्थिक लाभ होगा। वहीं सब्जी उत्पादन बढ़ेगा।

रबी की पांच सब्जी दायरे में

पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा के लिए सीकर जिले में रबी और खरीफ सीजन के दौरान होने वाली सब्जियों को अधिकृत किया गया है। इनमें रबी सीजन में टमाटर, फूलगोभी, प्याज, मटर, तरबूज शामिल है। इन सब्जियों का बीमा करवाने पर किसान को सरकार की ओर से प्रीमियम में अनुदान दिया जाएगा। किसान सभी सब्जियों का बीमा महज पांच प्रतिशत प्रीमियम की राशि देकर करवा सकेंगे। शेष राशि का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से बीमा कंपनी को किया जाएगा। किसान कार्ड धारक को बीमा नहीं करवाने पर लिखित में ऑप्ट आउट का प्रमाण पत्र देना होगा।

सब्जी -- बीमित राशि प्रति हेक्टेयर

फूलगोभी-100313

प्याज- 180649

मटर- 100566

टमाटर- 129331

तरबूज- 157500

किसानों को फायदा

प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए किसान अपनी सब्जियों को भी बीमा के दायरे में ले सकेंगे। इससे किसान को होने वाले आर्थिक व मानसिक नुकसान की काफी हद तक भरपाई हो सकेगी। बीमा के लिए किसान को सही सूचना देनी होगी जिससे क्लेम के निर्धारण में परेशानी से बचा जा सके।

नितेश गढ़वाल, जिला प्रबंधक, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड