
सीकर.
बेबस मन और आंखों से बहते आंसू। मिन्नतें करते हाथ और पैरों में घिसी हुई चप्पल। कुछ ऐसे ही हाल-बेहाल बने हुए हैं एक लाचार पिता के जो, पिछले सवा दो महीने से अपनी मासूम लाडो को दर-दर खोजता फिर रहा है। बानगी यह है कि बेटी को तलाशने में घर तक छूट गया है। बेटी की तलाश के लिए यह बेबस पिता थानेदार से लेकर डीजीपी तक चक्कर काट चुका है। लेकिन, लापता बेटी का सुराग नहीं लगने पर विश्वास टूटने लगा है और बूढें पांव भी जवाब देने लगे हैं।
यह पीड़ा है राजस्थान के सीकर शहर के वार्ड 16 के निवासी राजू स्वामी की। उसकी 13 साल की बेटी सोनू पिछले सवा दो महीने से लापता है। उसे ढूंढने के लिए इस पिता ने दिन-रात एक कर रखा है। पीडि़त पिता का कहना है कि उसकी बेटी को खोजने में पुलिस उसका सहयोग नहीं कर रही है। ऐसे में मजबूरी में वह खुद ही घर से बाहर निकल पड़ा है । ताकि गांव-गांव, ढाणी-ढाणी उसे ढूंढ़ा जा सके।
उसकी बेटी सोनू तीन फरवरी को घर से पानी लेने के लिए गई थी। तब से उसकी कोई खोज-खबर नहीं है। थक-हार कर जब पुलिस के पास जाता हूं तो वो टरका कर भेज देती और कहती है कि तुम भी अपने स्तर पर उसकी तलाश करो। उसे खोजने में जो जमा पूंजी थी वह भी खर्च हो गई है। गुरुवार को किसी से किराया मांग कर जयपुर पहुंचा था। यहां कैसे-जैसे डीजीपी तक पहुंचा। उनके सामने पीड़ा रखी तो उन्होंने बरामदगी का विश्वास दिलाया है।
पथरा रही आंखे
सोनू की दादी विकलांग होने के कारण चल नहीं सकती। लेकिन, बेड पर लेटी दरवाजे पर टकटकी लगाए अपनी लाडली पौती का इंतजार कर रही है। इधर, सोनू की मां पूनम व उसके छोटे चार भाई-बहन की आंखे भी इंतजार में पथराने लगी है। इनका कहना है कि सोनू को कोई बहला-फुसला कर कहीं दूर ले गया है। अन्यथा उनकी बहन एक पल भी उनसे दूर नहीें रह सकती है।
दूसरी बेटी आई आगे
राजू के घर की खराब हालत देखकर एक ब्रांड एंबेसेडर रचना ढाका मदद के लिए आगे आई है। जो पीडि़त परिवार के साथ उनकी खोई हुई सोनू को खोज रही है। ब्रांड एंबेसेडर रचना के अनुसार सोनू का बरामद करने के लिए उसने पीएमओ कार्यालय व मानवाधिकार आयोग को भी लिखा है। सोशल मीडिया के माध्यम से सोनू को खोजने का प्रयास किया जा रहा है।
Published on:
12 Apr 2018 07:35 pm
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