
राजस्थान में ऑनलाइन जान सकेंगे मिट्टी-पानी की सेहत
प्रदेश के लाखों किसानों के लिए अच्छी खबर है। जिले की प्रत्येक पंचायत समिति में मिट्टी-पानी की जांच के लिए प्रयोगशाला बनाई जाएगी। जहां किसानों के सैम्पल की जांच निशुल्क होगी। अच्छी बात है कि इन प्रयोगशालाओं में जांच किए जाने वाले सैम्पल की जांच ऑनलाइन की जाएगी। विभाग का मानना है कि ग्राम स्तर पर ही चलने वाली प्रयोगशाला में जांच होने से अंधाधुंध उर्वरक और रसायनों के प्रयोग पर अंकुश लगाया जा सकेगा। कृषि विभाग के आरकेवीवाई- सॉयल हेल्थ एंड फर्टीलिटी के तहत प्रदेश की 254 पंचायत समितियों में ग्राम स्तरीय प्रयोगशालाएं बनाने का लक्ष्य है।
अभी ये हालात
सीकर जिले में फिलहाल जिला मुख्यालय पर मिट्टी-पानी की जांच की सुविधा है। जिससे बुवाई से पहले मिट्टी पानी की जांच करवाने के लिए किसानों को सैम्पल जिला मुख्यालय या लक्ष्मणगढ ले जाने पड़ते हैं। जहां पूरे जिले के सेम्पल आने से कई बार किसान बिना जांच करवाए ही बुवाई कर लेते हैं या बगीचा लगवा लेते हैं। जिसका असर आगामी उत्पादन पर पड़ता है। किसानों को इस परेशानी से बचाने के लिए कृषि आयुक्तालय ने यह कवायद शुरू की है। मिट्टी पानी की प्रयोगशाला खुलने से बेरोजगार युवाओं को फायदा होगा। लैब के लिए उपकरण व मशीनरी के लिए केन्द्र सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
लैब चलाने के लिए कृषक समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के एक तिहाई गांवों से सिंचित और असिंचित क्षेत्र के सैम्पल लेने होंगे।
सैम्पल संग्रहण करने वाले को 23 रुपए प्रति सेम्पल पुर्नभरण की राशि दी जाएगी। जांच का खर्च योजना के तहत वहन किया जाएगा। पांच सौ सैम्पल के लिए उद्यमी को प्रत्येक सैम्पल के लिए 20 रुपए की राशि बतौर प्रोत्साहन दी जाएगी।
जिला सैम्पल संख्या लक्ष्य
अजमेर 27000
जयपुर 54000
दौसा 32000
टोंक 32000
बांसवाड़ा 14000
डूंगरपुर 14000
प्रतापगढ़ 10000
झुंझुनूं 23000
नागौर 32000
सीकर 32000
लैब खोलने के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जा रहे हैं। योग्यता के आधार पर ही जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी लैब के संचालन के संबंध में निर्णय लेगी। लैब खुलने से किसानों सहित इस कार्य से जुडे लोगों को फायदा होगा।
रामनिवास पालीवाल, उपनिदेशक कृषि
Published on:
02 Feb 2024 11:40 am
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